डिजिटल मीडिया कंपनियों में विदेशी निवेश 26 फीसदी से ज्यादा नहीं की जाएगी. भारत में विदेशी फंडिंग को लेकर सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, जिन डिजिटल मीडिया कंपनियों में 26 फीसदी से ज्यादा का निवेश है, उन्हें वह घटाने के लिए एक साल का समय दिया गया है.


अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन डिजिटल मीडिया ग्रुप्स में विदेशी निवेश 26 फीसदी से कम हुआ है उन्हें एक महीने के भीतर शेयधारकों के बारे में पूरी जानकारी जमा करने को कहा गया है. उन्हें अन्य जानकारियां जैसे- डायरेक्टर, प्रमोटर्स और शेयरहोल्डर्स के बारे में भी बताना होगा.


सूचना प्रसारण मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी अमरेन्द्र सिंह की तरफ से सोमवार को जारी आदेश में यह कहा गया, “जिन संस्थानों में वर्तमान में विदेशी निवेश 26 फीसदी से ज्यादा का का हुआ है उन्हें भी वहीं जानकारियां एक महीने के अंदर देनी होगी और 15 अक्टूबर 2021 तक 26 फीसदी से निवेश कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे. इसके साथ ही, सूचना प्रसारण मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी. ”


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केन्द्रीय कैबिनेट की तरफ से न्यूज की अपलोडिंग, स्ट्रीमिंग और डिजिटल मीडिया पर दिए जा रहे करेंट अफेयर्स में विदेश निवेश की सीमा 26 फीसदी तय किए जाने के एक साल बाद सरकार का यह सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है.


कोई भी संस्था जो देश में देश में विदेशी निवेश लाना चाहती है उसे सबसे पहले विदेश निवेश फैसिलिटेशन पोर्टल डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इटर्नल ट्रेड (डीपीआईआईटी) के जरिए केन्द्र सरकार से उसके लिए इजाजत लेनी होगी.


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