Digital Payments: डिजिटल पेमेंट के मामले में अमेरिका से कई गुना आगे है भारत, विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया क्यों है खास
Digital Payments In India: आंकड़ों के मुताबिक, देश में एक महीने में UPI के जरिये 120 करोड़ रुपये का लेनदेन हो रहा है, जबकि अमेरिका में एक साल में सिर्फ 40 करोड़ रुपये का डिजिटल लेनदेन हो रहा है.
Digital Payments in India: भारत डिजिटल पेमेंट के मामले में लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार (10 अप्रैल, 2024) को डिजिटल भुगतान में भारत की बढ़ोतरी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में एक महीने में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिये 120 करोड़ रुपये का लेनदेन हो रहा है. उन्होंने भारत की तुलना अमेरिका से करते हुए कहा कि हम उनसे भी आगे हैं. वहां एक साल में सिर्फ 40 करोड़ रुपये का डिजिटल लेनदेन हो रहा है.
राजस्थान के बीकानेर में एक कार्यक्रम में एस. जयशंकर ने आगे कहा, “आज हम UPI के माध्यम से कैशलेस भुगतान करते हैं. हमारे यहां एक महीने में 120 करोड़ रुपये का लेनदेन होता है, जबकि अमेरिका एक साल में 40 करोड़ रुपये का ही डिजिटल लेनदेन कर पाता है. आपको देखना चाहिए कि हमने कुछ क्षेत्रों में कैसे प्रगति की है और दुनिया इसकी सराहना करती है.”
11 अप्रैल 2016 को हुई थी शुरुआत
एक आधिकारिक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, यूपीआई एक ऐसा सिस्टम है जो एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में कई बैंक खातों को साथ जोड़ता है. इसे 11 अप्रैल 2016 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तत्कालीन गवर्नर रघुराम राजन की ओर से लॉन्च किया गया था.
UPI से अब कैश जमा करने का भी प्रस्ताव
पिछले हफ्ते आरबीआई ने यूजर्स को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से नकद जमा मशीनों (सीडीएम) में कैश जमा करने की सुविधा देने का प्रस्ताव दिया था. चालू वित्त वर्ष के पहले मौद्रिक नीति दृष्टिकोण की घोषणा करते हुए, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “नकद जमा मशीनों (सीडीएम) के माध्यम से मुख्य रूप से डेबिट कार्ड के जरिये कैश जमा करने पर विचार चल रहा है. एटीएम में यूपीआई का उपयोग करके कार्डलेस नकद निकासी के अनुभव को देखते हुए अब यूपीआई का उपयोग करके सीडीएम में नकदी जमा करने की सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव है.” इस बीच, भारत की UPI सेवाएं श्रीलंका, मॉरीशस और नेपाल में भी शुरू की गई हैं.
ये भी पढ़ें