इंदौर: बजरंग बली की जाति-धर्म को लेकर बीजेपी नेताओं के जरिए की जा रही बयानबाजी पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को निशाना साधते हुए कहा, "हिन्दू देवता पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और कई दूसरे बीजेपी नेताओं के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अखाड़ा परिषद जैसे संगठनों को कोई भी संबंध नहीं रखना चाहिये. साथ ही इन नेताओं का सार्वजनिक रूप से तिरस्कार किया जाना चाहिये."


दिग्विजय ने मीडिया से कहा, "हनुमान को लेकर अनर्गल बहस की शुरूआत उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बजरंग बली को दलित कहकर की थी. इसके बाद दूसरे बीजेपी नेताओं ने बजरंग बली को मुसलमान और जाट भी बता दिया."


71 साल के राज्यसभा सांसद ने कहा, "हम हनुमान को भगवान शंकर का अवतार मानते हैं. लेकिन बीजेपी नेता हनुमान को भी जाति-धर्म के मामले में घसीट रहे हैं. आखिर ये नेता किस धर्म का पालन कर रहे हैं?" उन्होंने मांग की योगी और दूसरे बीजेपी नेताओं को भगवान हनुमान पर अपने आपत्तिजनक बयानों के लिये माफी मांगनी चाहिये. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और अखाड़ा परिषद जैसे संगठनों को इन नेताओं का सार्वजनिक रूप से बहिष्कार या फिर तिरस्कार करना चाहिये.


शिवराज के टाइगर जिंदा है वाले बयान पर दिग्विजय ने तंज कसा
दिग्विजय ने मध्यप्रदेश के हालिया विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बहुचर्चित बयान टाइगर जिंदा है पर तंज कसा. उन्होंने कहा, "टाइगर (शिवराज) के नाखून और दांत तो निकल चुके हैं. वैसे भी संकटग्रस्त प्रजाति के टाइगर के संरक्षण की जवाबदारी अब हमारी (नवगठित कांग्रेस सरकार) है."


प्रदेश की नवगठित कांग्रेस सरकार की कर्जमाफी योजना के दायरे में नहीं आने के कारण खंडवा जिले में आदिवासी तबके के 45 साल के किसान ने हाल ही में आत्महत्या कर ली है. इस बारे में पूछे जाने पर पूर्व सीएम ने कहा, "मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है. लेकिन हमने सूबे में किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा जून 2018 में की थी. उस अवधि (जून 2018 तक) में जितने भी किसान कर्जदार थे उनके कर्ज माफ होंगे."


CBI व्यापमं घोटाले की जांच को दबा रही है: कांग्रेस नेता
दिग्विजय ने एक सवाल पर आरोप लगाया कि व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई इस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, "इन हालात में व्यापमं मामले को लेकर उठाये जाने वाले कदमों पर हम अध्ययन कर रहे हैं." उन्होंने इसे लेकर आगे कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव तय करेंगे कि देश महात्मा गांधी के दिखाये रास्ते पर चलेगा या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक (प्रमुख) माधव सदाशिव गोलवलकर के प्रदर्शित पथ पर आगे बढ़ेगा.