नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस ) प्रमुख मोहन भागवत के सभी भारतीय का डीएनए एक होने वाले बयान पर एक फिर निशाना साधा है. 


मध्य प्रदेश के सीहोर में दिग्विजय सिंह ने कहा कि, यदि हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक ही है तो फिर धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून की क्या आवश्यकता है. लव जिहाद के खिलाफ कानून की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि मोहन भागवत और ओवैसी का डीएनए भी एक ही है.  



भागवत ने बताया था सभी भारतीयों का एक डीएनए 
गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रविवार को कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों. उन्होंने कहा था कि हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है क्योंकि वे अलग-अलग नहीं, बल्कि एक हैं. पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता.


आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि , ‘‘यदि कोई कहता है कि मुसलमानों को भारत में नहीं रहना चाहिए तो वह हिन्दू नहीं है. हम एक लोकतंत्र में हैं. यहां हिन्दुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता. यहां केवल भारतीयों का वर्चस्व हो सकता है.’’  


दिग्विजय सिंह ने भागवत पर पहले भी किया था पलटवार
आरएसएस प्रमुख के बयान पर दिग्विजय सिंह ने पहले भी पलटवार किया था. उन्होनें पहले बयान पर कहा था कि, ‘’अगर आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं तो बीजेपी में वे सब नेता, जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है, उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश दें. शुरूआत नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ से करें. मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदीशाह जी और बीजेपी के मुख्यमंत्री को भी देंगे?’’


 


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