नई दिल्ली:  राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बगावती तेवर अपनाने को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि इन नौजवानों में सब्र नहीं है. दोनों से उनका मतलब ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट से था. उन्होंने कहा कि इन दोनों युवा नेताओं को पार्टी ने बहुत सम्मान दिया. जिस तरह का व्यवहार उन्होंने किया वो कांग्रेस पार्टी की नीतियों के खिलाफ है.


दिग्विजय सिंह  ने कहा कि राजनीति में सब्र होना चाहिए. सब्र से ही इंसान आगे बढ़ता है. कितने ऐसे लोग हैं जो इतनी जल्दी राजनीतिक पायदान पर ऊपर चढ़ते हैं.





ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुश्मनों से हाथ मिलाया


दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया पर एक बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस छोड़ने वाले सिंधिया ने अपने दुश्मनों से हाथ मिला लिया.


दिग्विजय सिंह मंगलवार को शिवपुरी के प्रवास पर थे. देर शर्मा को उन्होंने कहा कि "जिस पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्या-क्या नहीं कहा. उनको लोकसभा चुनाव हराया और हारने के बाद उसी पार्टी में चले गए, जिसने उन्हें हराया. यह तो दुश्मन से हाथ मिलाना हो गया. आज तक मैं इस बारे में समझ नहीं पाया हूं. जिस दुश्मन से आप लड़ रहे हो और आप उसी के पाले में जाकर बैठ जाओ. मुझे उनसे यह उम्मीद नहीं थी."


सचिन पायलट पर बोले दिग्विजय- उनकी हरकतें पार्टी के अनुशासन के खिलाफ 
दिग्विजय सिंह ने सचिन पायलट पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को सांसद, केन्द्रीय मंत्री, राजस्थान पार्टी प्रमुख और डिप्टी सीएम बनाया गया, उनकी उम्र क्या है? वह अभी भी युवा है, उसे थोड़ा धैर्य रखना चाहिए. उनकी हरकतें पार्टी के अनुशासन के खिलाफ हैं.


दिग्विजय सिंह ने कहा था- ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में नहीं मिलेगा सम्मान
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पहले भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर टि्प्पणी की थी. उन्होंने कांग्रेस छोड़कर गए ज्योतिरादित्य सिंधिया को चेताते हुए कहा था कि उनको बीजेपी में मान सम्मान और जिम्मेदारी वैसी नहीं मिलेगी जैसा कांग्रेस में मिलती आई है. दिग्जिवय ने कहा कि सिंधिया उनके बेटे के समान हैं. उनके पार्टी छोड़ने से उनको दुख हुआ है मगर दुख इस बात पर ज्यादा हुआ कि वो उस पार्टी में शामिल हो गए जिस पार्टी के लोगों ने उनको चुनाव में हराया. शायद उनको पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल होने की जल्दबाजी थी.


'बीजेपी में नेताओं की नहीं संघ की चलती है'


दिग्विजय सिंह ने जोर देकर कहा, "सिंधिया जब कांग्रेस में थे तो मुरैना से मंदसौर तक अपने कार्यकर्ताओं को पद देते और दिलवाते थे, मगर अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि बीजेपी में राजनेताओं की नहीं संघ की चलती उनको आने वाले दिनों में पार्टी और सरकार में उनको कोई पद और सम्मान मिलेगा मुझे नहीं लगता."


सिंधिया ने पूरी करवाई अपनी मांग


कमलनाथ सरकार को गिराने वाले पूर्व कांग्रेस सांसद और मौजूदा बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले 22 में से 10 और नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने की शर्त रखी थी और इस पर अड़े रहे.


आखिरी लंबी माथापच्ची के बाद मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नामों पर सहमति बनी और शिवराज सरकार का विस्तार हुआ. सिंधिया समर्थक 10 लोगों ने शपथ ली.


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