नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नजरअंदाजी से नाराज होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. अब वे जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की कभी अनदेखी नहीं की गई.


उन्होंने आज कहा, ''ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश में डिप्टी सीएम पद की पेशकश की गई थी, लेकिन वे इसके बदले किसी और को यह पद देना चाहते थे. कमलनाथ ने "चेला" को बनाने से इनकार कर दिया.''


दिग्विजय सिंह ने यह भी दावा किया कि सिंधिया राज्यसभा के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते थे लेकिन अति महत्वाकांक्षी नेता को ‘‘केवल मोदी-शाह’’ मंत्री पद दे सकते हैं.





दिग्विजय सिंह ने यह भी दावा किया कि मध्य प्रदेश के 22 बागी विधायकों में से 13 ने कहा है कि "वे कांग्रेस नहीं छोड़ रहे हैं." उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से खास बातचीत में कहा, ''मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को विश्वास मत जीतने का भरोसा है और, ‘‘हम चुप नहीं रहे, हम सो नहीं रहे हैं.’’


ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस छोड़ने का एलान किया और इसके बाद उनके खेमे के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. 22 विधायकों में ज्यादातर इस समय बेंगलुरु के होटल में हैं और कांग्रेस का दावा है कि इन विधायकों को गुमराह किया गया.


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