(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'भारत बर्दाश्त नहीं करेगा', राहुल गांधी को लेकर जर्मनी की टिप्पणी से उठा तूफान, बीजेपी बोली- कोई और सबूत चाहिए
Germany On Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी की थी जिस पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रिया अदा किया था.
Germany On Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने पर जर्मनी की टिप्पणी ने राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया है. बीजेपी ने कांग्रेस पर 'भारत के घरेलू मामले में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने' का आरोप लगाया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद बीते शुक्रवार (24 मार्च) को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया गया था. मामले पर जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था," हम उम्मीद करते हैं कि इस मामले में उनका (राहुल गांधी) को पक्ष सुनते समय न्यायिक स्वतंत्रता के मानकों और मूलभूत लोकतांत्रिक सिद्धांतों को पालन किया जाएगा."
दिग्विजय सिंह ने जर्मन विदेश मंत्रालय को कहा- शुक्रिया
बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जर्मनी के विदेश मंत्री को शुक्रिया अदा करते हुए ट्वीट किया जिसके बाद बवाल खड़ा हो गया. दिग्विजय सिंह ने लिखा, "राहुल गांधी के उत्पीड़न के माध्यम से भारत में लोकतंत्र से किस तरह समझौता किया जा रहा है, इस पर ध्यान देने के लिए जर्मनी के विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर का बहुत शुक्रिया."
किरेन रिजिजू ने दिग्विजय को घेरा
दिग्विजय के बयान पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर हमला बोला और उस पर विदेश शक्तियों से मदद मांगने का आरोप लगाया. रिजिजू ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, "भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के लिए विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करने के लिए राहुल गांधी को धन्यवाद. याद रखें, भारतीय न्यायपालिका विदेशी हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं हो सकती. भारत अब 'विदेशी प्रभाव' को बर्दाश्त नहीं करेगा क्योंकि हमारे प्रधान मंत्री हैं: श्री नरेंद्र मोदी."
Thank you Rahul Gandhi for inviting foreign powers for interference into India’s internal matters. Remember, Indian Judiciary can't be influenced by foreign interference. India won't tolerate 'foreign influence' anymore because our Prime Minister is:- Shri @narendramodi Ji 🇮🇳 pic.twitter.com/xHzGRzOYTz
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) March 30, 2023
'कोई और सबूत चाहिए?'
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने लिखा, जाहिर है कि कांग्रेस हमारे मामलों में विदेशी हस्तक्षेप चाहती है. अस्पष्ट मसौदे (Opaque Contents) पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करें विदेश में बातचीत के दौरान सरकार बदलने के लिए मदद की गुहार लगाई. मदद मिलने पर उनका धन्यवाद किया. कोई और सबूत चाहिए?
Apparent that @INCIndia wants foreign interference in our affairs.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) March 30, 2023
Sign Memorandum of Understanding (MoU) with Communist Party of China with opaque contents. During interactions abroad, plead for help to change government.
Thank them when help forthcoming.
Any more proof needed? https://t.co/aZ4rNuJhxN
दरअसल कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन (सीपीसी) के बीच 7 अगस्त 2008 को एक सहमति पत्र पर साइन किए गए थे. इस बीजेपी हमेशा सवाल खड़ा करती रही है.
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