CM शिवराज के मौन धरने को दिग्विजय सिंह ने बताया ‘नाटक’, कमलनाथ के बयान पर कही ये बात
दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा. उन्होंने पूछा कि हाथरस में जब एक दलित युवती के साथ बलात्कार हुआ था तब ये मौन क्यों थे?
भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के इमरती देवी को लेकर दिए बयान के विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो घंटे का मौन धरना किया. इसे कांग्रेस के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ‘नाटक’ करार दिया. वहीं कमलनाथ के बयान पर दिग्विजय ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ये बयान किस संदर्भ में दिया गया.
दिग्विजय सिंह ने कहा, “मैं नहीं जानता किस संदर्भ में कमलनाथ जी ने वो बात की. लेकिन आज ये नाटक नौटंकी जो भाजपा कर रही है उसकी क्या आवश्यकता रही मैं नहीं जानता...लेकिन ग्वालियर से दो सौ तीन सौ किलोमीटर दूर हाथरस एक जगह है उत्तर प्रदेश में...जहां दलित युवती का न केवल बलात्कार हुआ लेकिन भाजपा के सरकार के पुलिस ने दलित परिवार को उसका दाह संस्कार करने के लिए शव भी नहीं दिया गया.”
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “एक शब्द भाजपा के किसी नेता का नहीं निकला. किसी क्रिकेटर की ऊंगली फ्रैक्चर हो जाती है तो नरेंद्र मोदी जी ट्वीट करते हैं. लेकिन उस युवती के साथ बलात्कार हुआ, एफआईआर दर्ज नहीं हुई. तब भाजपा क्यों मौन थी. बलात्कारियों का क्यों समर्थन कर रही है? भाजपा के हाथरस के विधायक ने खुलेआम बलात्कारियों को क्यों समर्थन किया? इस पर शिवराज सिंह चौहान क्यों चुप रहे? क्यों सिंधिया जी चुप रहे?”
सुबह 10 से शुरू होकर दोपहर 12 बजे तक चला मौन धरना
शिवराज सिंह चौहान का मौन धरना सुबह दस बजे से दोपहर बारह बजे तक चला. इसके खत्म होने के बाद उन्होंने एक बार फिर कमलनाथ को निशाने पर लिया. शिवराज ने कहा, “''मुझे स्पष्टिकरण की उम्मीद थी लेकिन शर्मनाक तरीके से बयान को सही ठहराया जा रहा है. आप मुझे गाली दे सकते हैं, मुझे अलग अलग नामों से बुला सकते हैं लेकिन एक महिला के लिए इस तरह का बयान सभी बेटियों और माताओं के खिलाफ है. नवरात्रि में महिलाओं का अपमान हुआ है. उन्होंने (कमलनाथ) सभी सीमाएं लांघ दी हैं.''
कमलनाथ बोले- हम सभी आइटम है
वहीं अपने बयान पर सफाई देते हुए कमलनाथ ने कहा, ''शिवराज जी आप कह रहे हैं कमलनाथ ने आइटम कहा. हां मैंने आइटम कहा है क्योंकि यह कोई असम्मानजनक शब्द नहीं है. मैं भी आइटम हूं आप भी आइटम है और इस अर्थ में हम सभी आइटम है. लोकसभा और विधानसभा में कार्यसूची को आइटम नंबर लिखा जाता है, क्या यह असम्मानजनक है? सामने आइए और मुकाबला कीजिए. सहानुभूति और दया बटोरने की कोशिश वही लोग करते हैं जिन्होंने जनता को धोखा दिया हो.''
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