राम मंदिर भूमि पूजन: बंगाल बीजेपी अध्यक्ष बोले- अस्पताल संस्कृति से ज्यादा जरूरी है मंदिर संस्कृति
बीते 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ है. सोशल मीडिया पर राम मंदिर के बदले अस्पताल निर्माण की बात पर जोर दिया जा रहा था. जिसे लेकर पश्चिम बंगाल की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि अस्पताल संस्कृति से अधिक मंदिर की संस्कृति की आवश्यकता है.
कोलकाताः पश्चिम बंगाल की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन का विरोध करने वालों पर शुक्रवार को निशाना साधा और कहा कि वहां अस्पताल के निर्माण की वकालत करने वालों में समझ की कमी है कि 'अस्पताल संस्कृति से अधिक मंदिर की संस्कृति की आवश्यकता है.'
उन्होंने कहा कि जो लोग अयोध्या में अस्पताल के पक्ष में बोल रहे हैं, वे खुद ही जनता को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं. हालांकि, घोष ने किसी पार्टी अथवा व्यक्ति का नाम नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि जो लोग अपने धर्म के बारे में बोलने से डरते हैं, वे राम मंदिर निर्माण के खिलाफ बोल रहे हैं लेकिन जो लोग अपनी आस्था पर गर्व करते हैं और भगवान राम की पूजा करते हैं, वे इसका समर्थन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जो लोग मंदिर के बजाय अस्पताल की बात कर रहे हैं, वे लोगों को बरगला रहे हैं. वहीं बीते 5 अगस्त को अयोध्या में बड़ी धूमधाम से राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ है. इसके साथ ही अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की ओर से किए गए विवादित ट्वीट पर कार्रवाई की मांग हो रही है.
वकील विनय वत्स ने सीजेआई को लेटर पिटीशन भेजी है. उन्होंने इस याचिका में AIMPLB पर जजों की निष्पक्षता और ईमानदारी पर सवाल उठाने का आरोप लगाया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेकर कार्रवाई की अपील की गई है. दरअसल, ये मामला राम मंदिर के भूमि पूजन से ठीक पहले का है. AIMPLB ने ट्वीट कर कहा था कि बाबरी मस्जिद थी और हमेशा के लिए एक मस्जिद रहेगी. हालांकि विवाद होने के बाद ट्वीट को डिलीट कर दिया गया था.
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