नई दिल्ली: सीबीआई के अंदर चल रही कलह अब किसी से छुपी नहीं है. आए दिन कोई-न-कोई ऐसी खबर सामने आती है जिससे साफ पता चलता कि ये कलह कितनी ज्यादा बढ़ चुकी है. अब ये कलह सिर्फ सीबीआई के दो बड़े अधिकारियों के बीच ही नहीं, बल्कि पूरी जांच एजेंसी के अंदर नजर आ रही है. आज एक बार फिर ऐसा ही कुछ देखने को मिला, जब सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए देवेंद्र कुमार और मनोज प्रसाद को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया.


सीबीआई पर लगा सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप
कोर्ट में सुनवाई के दौरान देवेंद्र कुमार के वकील ने जांच एजेंसी सीबीआई की जांच के ऊपर ही सवाल उठाते हुए कहा कि जांच एजेंसी सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रही है. इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि जब सीबीआई ने देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था तो उनके पास से सिर्फ एक मोबाइल फ़ोन की बरामदगी दिखाई थी, लेकिन बाद में कोर्ट में बताया गया कि देवेंद्र कुमार के पास से 8 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. सवाल ये है कि जब गिरफ्तारी के वक्त एक मोबाइल फोन था तो बाकी के 7 मोबाइल फोन कहां से आ गए?


सीबीआई ने पुराने जांच अधिकारी पर फोड़ा ठीकरा
बचाव पक्ष की तरफ से उठाए गए इस दलील पर जब कोर्ट ने जांच एजेंसी सीबीआई के जांच अधिकारी से जवाब मांगा तो अधिकारी ने कहा, ''हां, कुल मिलाकर 8 मोबाइल फोन जब्त करने की बात सामने आई है लेकिन गिरफ्तारी के बाद सिर्फ एक को दिखाया गया. इस बारे में मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं क्योंकि ये जानकारी मुझे पुरानी टीम की तरफ से दी गई है जो अब इस मामले की जांच नहीं कर रही." ये दिखाता है कि सीबीआई अपनी पुरानी जांच टीम की जांच को भी पूरी तरह से अपनाने में झिझक रही है.


इस कलह से देवेंद्र कुमार को मिलेगा फायदा!
जब देवेंद्र कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगी तो सीबीआई के अंदर चल रही इस कलह का फायदा देवेंद्र कुमार को भी मिल सकता है. क्योंकि अगर सीबीआई देवेंद्र कुमार की ज़मानत का पुरजोर तरीके से विरोध नहीं कर पाई तो फिर अदालत तथ्यों को देखते हुए देवेंद्र कुमार को ज़मानत भी दे सकती है.


दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में
आज हुई सुनवाई के बाद अदालत ने देवेंद्र कुमार और मनोज कुमार दोनों को हिरासत में भेज दिया है. देवेंद्र की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी, वहीं मनोज की जमानत याचिका पर 2 नवंबर को अदालत सुनवाई करेगी.