कोरोना से बचाव और सावधानियों को लेकर राज्यसभा में भी हुई चर्चा, सांसदों ने दिए सुझाव
कोरोना वायरस को लेकर आज संसद में भी चर्चा की गई. इसको लेकर सांसदों ने अपने-अपने सुझाव दिए. स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम की जानकारी दी.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खतरे को लेकर सरकार लगातार जागरूकता अभियान चलाने की बात कर रही है और आज राज्यसभा में इस पर लंबी चर्चा की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना से बचाव और उससे लड़ने से संबंधित सरकार की तैयारियों के बारे में सदन को बताया. डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना से बचाव के कदम उठाने के साथ ही लोगों में जागरूकता फैलाना भी जरूरी है और सरकार लगातार इस कोशिश में जुटी है.
'सरकार ने उठाए उचित कदम'
केंद्र स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने राजयसभा में चर्चा के दौरान बताया कि सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए कुछ महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी. सरकार ने फरवरी महीने में भी एक ट्रैवल एडवाजरी भी जारी की थी, जिसके तहत देश के लोगों को आगाह किया गया था कि वे कोरोना प्रभावी देशों की यात्रा ना करें. इसके साथ ही कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की जांच भी की जा रही थी, लेकिन उसके बाद भी भारत में जो कुछ संक्रमित मरीज पहुंचे वह उन देशों से पहुंचे जहां पर कुछ वक्त पहले तक कोरोना वायरस का उस तरह से खतरा नहीं था.
हर्षवर्धन ने बताया कि संक्रमित मरीजों के सामने आने के बाद अब सरकार ने नई ट्रैवल एडवाइजरी भी जारी कर दी है, जिसके तहत कोरोना वायरस से ग्रसित देशों के सैलानियों का वीजा फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही ये सुनिश्चित भी किया जा रहा कि विदेशों से आने वाले सभी सैलानियों की एयरपोर्ट पर ही जांच हो. इतना ही नहीं कोरोना मामले की जांच के लिए नए टेस्टिंग लैब्स को भी स्थापित किया गया है. जो संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं उनको अलग रखने की भी पूरी व्यवस्था की गई है. इस सब की निगरानी के लिए एक मंत्रियों के समूह का भी गठन किया गया है जो लगातार बैठक कर हालात पर नजर बनाए हुए हैं और प्रधानमंत्री को जानकारी दे रहे हैं.
'सार्वजनिक जगहों पर की जाए घोषणा'
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के साथ ही कुछ और नए कदम उठाने की सलाह दी. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जरूरत इस बात की भी है कि देश की जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप जैसी जगहों पर भी लगातार घोषणा की जाए और लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बताए जाएं.
'अनर्गल बयानों पर भी लगे रोक'
इसके साथ ही एनसीपी सांसद वंदना चव्हाण ने उन नेताओं के बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों को ऐसे गुमराह करने वाले बयानों से बचना चाहिए जिसमें गोमूत्र और गोबर से कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों का इलाज और बचाव होने की बात की गई थी.
'संसद में भी हो आने वालों की भी हो जांच'
आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने राज्य सभा के चेयरमैन से अपील करते हुए कहा कि संसद में भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं, लिहाजा यहां पर आने वाले लोगों की भी थर्मल स्क्रीनिंग होनी चाहिए. इसके साथ ही संसद भवन परिसर में भी सैनिटाइजर लगाए जाने चाहिए जिससे कि कोरोना वायरस से बचाव किया जा सके.
'कोरोना को लेकर चल रही अफवाहों पर लगे लगाम'
शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा कि कोरोना को लेकर जो लोग अफवाह फैला रहे हैं उन पर भी लगाम लगाने की जरूरत है. खासतौर पर जो अफवाह सोशल मीडिया के जरिए फैलाई जा रही है उन पर नजर रखने की जरूरत है जिससे कि लोग गुमराह ना हों.
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