रतलाम: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक शासकीय स्कूल में एक संस्था द्वारा विद्यार्थियों को हिन्दू विचारक वीर सावरकर की तस्वीर वाली कॉपियों के वितरण पर प्राचार्य को निलंबित करने के बाद कांग्रेस शासित राज्य में सत्तापक्ष और विपक्षी बीजेपी के बीच विवाद छिड़ गया है. प्राचार्य के निलंबन पर प्रदेश बीजेपी ने कहा कि कमलनाथ सरकार सावरकर के खिलाफ अपनी नफरत में पूरी तरह अंधी हो चुकी है तो कांग्रेस ने कि सावरकर ने देश हित में क्या किया जो उनका साहित्य स्कूलों में वितरित किया जाए.


जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा ने बुधवार को कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर संभागायुक्त ने मालवासा के सरकारी स्कूल के प्राचार्य आर एन केरावत को निलंबित कर दिया है. शर्मा ने कहा कि सामाजिक संगठन ‘वीर सावरकर मंच’ ने गत चार नवंबर को स्कूल में विद्यार्थियों को मुफ्त में कॉपियां वितरित की थीं. इन कॉपियों के मुख्य पृष्ट पर वीर सावरकर की तस्वीर लगी थी.


प्रदेश बीजेपी ने प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई पर आपत्ति व्यक्त की है.


बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्याक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस समाचार की क्लिपिंग के साथ बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित और शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले प्राचार्य को निलंबित करने का समाचार सुनकर मन विचलित है. यह बेहद दुखद और निंदनीय भी है. इस ओछी राजनीति की मैं कड़ी निंदा करता हूं और तत्काल प्राचार्य को बहाल करने की मांग करता हूं.’’ इस संबंध में एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘कमलनाथ जी, आपको वीर सावरकर से इतनी घृणा है कि आपको उसने पूरी तरह से अंधा बना दिया है. कांग्रेसी सोच के कारण ही आप अपने ही देश की महान विभूतियों का अपमान कर रहे हैं. आपके इस कृत्य से प्रदेश शर्मसार हुआ है.’’ वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि इस कार्रवाई में कुछ भी राजनीतिक नहीं है.


कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने कहा, ‘मालवासा के हाई स्कूल के प्राचार्य के निलंबन का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है लेकिन यह अनुशासन और सरकारी नियमों का मामला है.’’ उन्होंने बीजेपी से सवाल किया कि क्या बिना पूर्व अनुमति के सावरकर की तस्वीर वाली कॉपियां वितरित करना सही था. उन्होंने सवाल किया, ‘‘आखिर सावरकर ने देश हित में क्या किया जो उनका साहित्य स्कूलों में वितरित किया जाए.’’