मोदी सरकार के दौर में भारत-चीन की सीमा पर विवाद का पूरा लेखा-जोखा
मोदी सरकार के कार्यकाल में कई बार चीन ने भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की. अरुणाचल प्रदेश, डोकलाम और फिर लद्दाख में चीनी सेना ने घुसपैठ की.
नई दिल्ली: मंगलवार को लद्दाख में भारत-चीन सीमा से एक ऐसी खबर आई, जिसने सभी भारतीयों को आक्रोश में डाल दिया. दरअसल, लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प गई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए. चीन की इस हरकत के बाद से देशभर में अब बदला लेने की आवाज़ उठने लगी है. पिछले 45 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत-चीन सीमा पर कोई जवान शहीद हुआ है. हालांकि, चीन की इस हरकत के बाद भी मोदी सरकार की खामोशी की वजह से देशवासियों के दिलों में गुस्सा है.
मई में शुरू हुआ था विवाद
बता दें कि इस साल के मई में चीनी सेना के लद्दाख और सिक्किम क्षेत्र में घुसपैठ करने से भारत-चीन के बीच सीमा विवाद शुरू हुआ था. लेकिन भारत सरकार की तरफ से बड़ा विरोध नहीं हुआ. नतीजन भारत को एक कर्नल समेत अपने 20 जवान खोने पड़े.
चीन की ताज़ा घुसपैठें 5 और 9 मई को लद्दाख के पेंगगोंग त्सो और सिक्किम के नाका लू में हुईं थी. ये दोनों इलाके भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर के विवादित सीमा क्षेत्र में हैं. पहले ये दोनों इलाके विवादित नहीं थे, लेकिन इन घुसपैठों के कारण चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच धक्का-मुक्की और पथराव भी हुआ था.
डोकलाम घुसपैठ पर भी खामोश रही थी मोदी सरकार
2017 में भी डोकलाम में चीनी सेना कई किलो मीटर तक भारत में प्रवेश कर गई थी. विपक्ष ने संसद में चीन की इस घुसपैठ का मुद्दा तो उठाया था, उस समय 73 दिनों तक तनाव रहने के बाद दोनों देश तनाव कम करने के लिए राजी हो गए थे. चीनी सेना ने विवादित क्षेत्र में निर्माण कार्य तो रोक दिया था, लेकिन वह डोकलाम पठार पर बनी रही थी.
डोकलाम में चीन की घुसपैठ पर बीजेपी सांसद तापिर गाओ ने कहा था कि आज चीन ने 56 किमी से अधिक भारतीय ज़मीन को अपने कब्ज़ें में ले लिया. लेकिन भारत फिर भी औपचारिक रूप से घुसपैठ की बात को नकार रहा है.
अरुणाचल प्रदेश में भी चीन ने की थी बड़ी घुसपैठ
सितंबर 2019 में भी चीन ने अरुणाचल प्रदेश में बड़ी घुसपैठ की थी. उस वक्त अरुणाचल के अंजो जिले के चगलागम इलाके में चीनी सेना घुस आई थी. वहां उसने एक नहर पर लकड़ी का पुल भी बना लिया था. स्थानीय लोगों ने पुल का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था.
इससे पहले जुलाई में नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष गीचो काबक ने एक प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी दी थी कि चीन ने 2018 में अपर सियांग जिले के विशिंग गांव में 2 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया है.
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