‘आई एम करप्शन’ बन चुकी है AAP, किसी भी वक्त चुनाव के लिए हैं तैयार: BJP
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी की दिल्ली इकाई ‘‘किसी भी पल चुनाव के लिए तैयार हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश का स्वागत करते हैं. अरविंद केजरीवाल को इस नैतिक हार की जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.’’
नई दिल्ली: चुनाव आयोग द्वारा आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश किये जाने के बीच बीजेपी ने आज सवाल किया कि क्या आम आदमी पार्टी को सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार है? बीजेपी ने कहा कि केजरीवाल सरकार की स्थिति ‘लचर’ हो गई है.
‘आई एम करप्शन’ का रूप ले चुकी है आप: संबित पात्रा
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आप पार्टी के विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों का उल्लेख करते हुए दावा किया कि इंडिया एगेंस्ट करप्शन आंदोलन से शुरू राजनीतिक यात्रा अब ‘आई एम करप्शन’ का रूप ले चुकी है. पात्रा ने आरोप लगाया कि आप सबसे भ्रष्ट राजनीति पार्टी बनने को अग्रसर हो रही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल मंत्रिमंडल के कई सदस्यों को इस्तीफा देना पड़ा. उनके 15 विधायकों के खिलाफ मामले चल रहे हैं और विभिन्न आरोपों में कई विधायकों को गिरफ्तार भी किया गया. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इस परिस्थिति में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार है?
किसी भी पल चुनाव के लिए तैयार हैं: मनोज तिवारी
वहीं, बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी की दिल्ली इकाई ‘‘किसी भी पल चुनाव के लिए तैयार हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश का स्वागत करते हैं. अरविंद केजरीवाल को इस नैतिक हार की जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.’’
मनोज तिवारी ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की ओर से इस मामले में लंबे समय तक सुनवाई स्थगित किए जाने का फायदा उठाकर इन विधायकों ने न केवल दिल्ली के लोगों को लूटा और धोखा दिया, बल्कि उन्हें विकास से भी वंचित किया.
समझा जाता है कि चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से सिफारिश की है कि लाभ का पद संभालने के आरोप में आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाए. उच्च-पदस्थ सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजी गई अपनी राय में आयोग ने कहा कि संसदीय सचिव के पद पर रहकर इन विधायकों ने लाभ का पद संभाला और उन्हे दिल्ली विधानसभा के सदस्यों के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. राष्ट्रपति के लिए आयोग की सिफारिश मानना बाध्यकारी है.