नई दिल्ली: संसदीय सचिव के रूप में लाभ के पद धारण करने के लिए निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की सिफारिश की है. संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति निर्वाचन आयोग की सिफारिश के आधार पर कार्रवाई करते हैं.

किसने क्या कहा-

कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. उनके आधे कैबिनेट मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के मामले हैं. 20 विधायकों को अमान्य कर दिया गया है. लोकपाल कहां है? विधायक और मंत्री सत्ता के मजे ले रहे हैं. राजनीतिक ईमानदारी कहां है?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस केजरीवाल से इस्तीफा मांगेगी और सोमवार 12 बजे सचिवालय पर प्रदर्शन किया जाएगा. जून 2016 में हमने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. संसदीय सचिव के तौर पर ऑफिस-गाड़ी की सुविधाओं का जिक्र था. जबकि पहले ये कहते थे कि गाड़ी-घर नहीं लूंगा. इन पर कार्रवाई होनी ही थी. सोनिया गांधी जी ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के आरोप पर चुनाव आयोग की रिपोर्ट से पहले इस्तीफा दे दिया था.

आम आदमी पार्टी ने कहा कि आयोग ने अधूरी सुनवाई पर फैसला दिया है जो अमान्य है. मीडिया से बात करते हुए आम प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब तक आयोग में लाभ के पद मामले पर सुनवाई हुई ही नहीं. पार्टी फैसले के बाद विकल्पों पर विचार करेगी.

आम आदमी पार्टी से जुड़े अरुणोदय प्रकाश ने ट्वीट किया- अधूरी सुनवाई लेकिन अनुशंसा भेज दी गई. बढ़िया. साहेब के आदमी से भला और क्या उम्मीद की जा सकती है जो सोमवार को रिटायर हो रहे हैं. लोकतंत्र मर रहा है.