नई दिल्ली: मोदी सरकार की लगातार आलोचना करने वाले नाराज नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज बीजेपी छोड़ने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि मैं आज दलगत राजनीति से संन्यास लेता हूं. बीजेपी के साथ सभी संबधों को समाप्त करता हूं, भविष्य में मैं किसी पद का दावेदार नहीं हूं. यशवंत सिन्हा लंबे समय से नाराज थे और प्रधानमंत्री मोदी और सरकार पर हमले बोल रहे थे. यशवंत सिन्हा चुनावी राजनीति से पहले ही संन्यास की घोषणा कर चुके हैं.
मेरा दिल देश के लिए धड़कता है: यशवंत सिन्हा
पटना में कार्यक्रम के दौरान अपने संन्यास की घोषणा की. उन्होंने कहा, ''आज से चार साल पहले मैंने चुनावी राजनीत से संन्यास ले लिया था. जब मैंने मना कर दिया था कि मैं 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा, तब मेरे मन में यह था कि अब चुनाव नहीं लड़ूंगा. चार साल गुजर गए कुछ लोगों ने समझा कि मेरे दिल की धड़कन भी बंद हो गई है. लेकिन मेरा दिल आज भी धड़कता है और अपने देश के लिए धड़कता है.''
आने वाली पीढ़ियां सवाल करेंगी इसलिए राष्ट मंच बनाया: यशवंत सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने कहा, ''अगर मैं आपके सामने खड़ा हूं तो इसलिए खड़ा हूं कि देश की जो आज की स्थिति है इस पर हमें आपको मिलकर विचार करना होगा. हम लोग सबसे पहले राजघाट गए और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद हमने 'राष्ट्र मंच' बनाने की घोषणा की. ये कोई राजनीतिक दल नहीं है. देश की परिस्थिति को देखते हुए अगर आज हम चुप रह जाएंगे तो आने वाली पढ़ियां हमसे सवाल करेंगी कि जब ये सब हो रहा था तब आप कहां ? इसलिए राष्ट्र मंच का गठन किया.''
कौन हैं यशवंत सिन्हा?
झारखंड के हजारीबाग से सांसद रह चुके यशवंत सिन्हा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके है. यशवंत सिन्हा चंद्रशेखर सरकार में भी मंत्री रहे हैं. जनता ने उन्हें तीन बार लोकसभा पहुंचाया. यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा मोदी सरकार में मंत्री हैं.