नई दिल्ली: देश में शनिवार कोविड-19 पाबंदियों और विभिन्न राज्यों में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध के बीच शनिवार को पूरे हर्षोल्लास के साथ दिवाली मनाई गई.इस दौरान लोगों ने पूजा-अर्चना की और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया. कोविड-19 के चलते अधिकतर लोगों ने संदेशों के जरिये ही एक दूसरे को दीपावली की बधाई दी. इसके अलावा लोग सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मंदिर भी गए.


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को दीपावली की बधाई और शुभकामनाएं दीं. कोविंद ने अपने संदेश में कहा, 'प्रसन्नता और प्रकाश का यह भव्य त्योहार हमारे देश के प्रत्येक घर में खुशियां, शांति और समृद्धि लाए. नायडू ने आशा व्यक्त की कि प्रकाश का यह त्योहार सुख, समृद्धि और शांति लेकर आए.


पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘सभी देशवासियों को दीपावली की हार्दिक मंगलकामनाएं. यह त्योहार आपके जीवन में और अधिक प्रसन्नता और खुशहाली लाए. सभी लोग समृद्ध और स्वस्थ रहें.’’


प्रधानमंत्री ने बनाई सैनिकों के साथ दिवाली
पीएम मोदी ने बीते वर्षों की तरह इस बार भी सैनिकों के साथ दिवाली मनाई. वह राजस्थान के लोंगेवाला गए और सैनिकों की वीरता का प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत देश के वीर सैनिकों को इसकी सीमाओं की रक्षा करने से नहीं रोक सकती. उन्होंने कहा, 'आज दुनिया जान गई है कि हम अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्तीभर भी समझौता नहीं करेंगे.'


उत्तर प्रदेश में दीपावली कोविड-19 के कड़े प्रोटोकॉल के बीच हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई. दीपावली पर लोगों ने शाम को शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की और दीए जलाए तथा अन्य तरीकों से रोशनी की. अनेक इमारतें झालरों की रोशनी से जगमगाती नजर आई.


हालांकि प्रदूषण के कारण राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध की वजह से पटाखे फोड़ने का सिलसिला कम रहा. पिछले वर्षों के विपरीत इस बार बाजारों में वह रौनक नहीं दिखी और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लोगों ने बाजारों जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज किया.


महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘ दिवाली पहट’ इस त्योहार का अभिन्न हिस्सा बन गया है. इस वर्ष कोरोना वायरस की महामारी की वजह से ऐसे आयोजन नहीं हो रहे हैं.वहीं, कुछ आयोजकों ने ऑनलाइन संगीत कार्यक्रमों और साक्षात्कार का आयोजन किया है.


महाराष्ट्र सरकार ने पटाखे फोड़ने पर पाबंदी तो नहीं लगाई है, फिर भी शिवसेना नीत बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है. हालांकि, नगर निकाय ने लक्ष्मी पूजन के दौरान ‘हल्के आवाज वाले पटाखों को जलाने की अनुमति दी है.


घरेलू शेयर बाजारों में दिखा उछाल 
वहीं अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर, हिंदू संवत 2077 के प्रथम दिन शनिवार को आयोजित विशेष मुहूर्त कारोबारी सत्र के दौरान घरेलू शेयर बाजारों ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ.


मुहूर्त कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 194.98 अंक या 0.45 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 43,637.98 अंक पर बंद हुआ. मुहूर्त कारोबार के दौरान यह अब तक की सर्वाधिक ऊंचाई 43,830.93 तक पहुंच गया था.


इसी तरह एनएसई निफ्टी 60.30 अंक या 0.47 प्रतिशत की बढ़त के साथ अब तक से सबसे ऊंचे स्तर 12,780.25 पर बंद हुआ. मुहूर्त कारोबार के दौरान निफ्टी ने 12,828.70 के रिकॉर्ड स्तर को छुआ.


अमृतसर में रोशनी से जगमगा उठा स्वर्ण मंदिर 
अमृतसर में स्वर्ण मंदिर विशेष लाइट और पारंपरिक दियों से जगमग दिखा. मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी, जिन्होंने सरोवर में पवित्र स्नान किया और गर्भगृह में पूजा-अर्चना की. इस बीच पंजाब में, 1620 में सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद को 52 राजाओं के साथ मुगलों की कैद से आजादी मिलने की याद में 'बंदी छोड़ दिवस' मनाया गया.


जम्मू-कश्मीर में सेना, केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों और पुलिस कर्मियों ने सीमा पर अपनी-अपनी तैनाती के स्थानों पर पूरे हर्षोल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया. इस दौरान पाकिस्तान की ओर से हालिया संघर्ष विराम उल्लंघनों के मद्देनजर कड़ी चौकसी बरती गई. अधिकारियों ने कहा कि सेना और बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर विभिन्न स्थानों पर बाड़ों को मोमबत्तियों और दियों से जगमग किया.


वहीं पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में काली पूजा का आयोजन किया गया. राज्य में काली माता के दर्शन के लिये सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा.


कर्नाटक में पटाखे फोड़ने पर पाबंदी सहित कई कारणों से इस बार सादगी से दिवाली मनाई गई. पहले तो सरकार ने इस बार पटाखों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी थी लेकिन बाद में हरित पटाखे फोड़ने की इजाजत दे दी. हालांकि इस दौरान लोगों ने पटाखे फोड़ने और भीड़भाड़ में जाने से बचते हुए घरों में रहकर दिवाली का त्योहार मनाया. अन्य राज्यों में भी दिवाली पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाई गई.


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