Diwali 2022: हर बार भारतीय त्योहारों पर देश भर में चीन के उत्पाद ही चारों ओर दिखाई देते हैं. चीन (China) के उत्पाद सस्ते और चमकीले होते हैं इसलिए आसानी से बिकते हैं. इस चुनौती से निपटने के लिए अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार पूर्वांचल के कुम्हारों (Potters) को ट्रेनिंग दे रही है. यूपी सरकार ने कुम्हारों के लिए इस बार इलेक्ट्रिक सोलर चाक (Electric Solar Chalk) की शुरुआत की है. कुम्हारों को इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
इस प्रशिक्षण ने कुम्हारों की न सिर्फ जिंदगी ही नहीं बदली है बल्कि अब वे चाइना के उत्पादों को भी चुनौती दे रहे हैं. कुम्हार दीपावली (Diwali) के लिए डिजाइनर और मैजिक दीयों के साथ सजाने के अन्य मिट्टी के सामान भी बना रहे हैं. कुम्हारों को प्रशिक्षण देकर उन्हें उनके परंपरागत व्यवसाय में और अधिक हुनरमंद बनाया जा रहा है. इससे उनका जीवन स्तर तो सुधर ही रहा है साथ ही बदलते जमाने की मांग के अनुरूप वे अपना प्रोडक्ट तैयार करने का हुनर भी सीख रहे हैं.
गरीब कुम्हारों को नि:शुल्क इलेक्ट्रिक सोलर चाक
खादी ग्रामोद्योग आयोग के उप निदेशक एवं प्रभारी रितेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार की ओर से गरीबी रेखा के नीचे वाले रहने वाले कुम्हारों को निःशुल्क इलेक्टिक सोलर चाक दिया गया है. इसकी कीमत 20 हज़ार रुपए है.
क्लस्टर बना के दी जा रही है ट्रेनिंग
यूपी सरकार ने कुम्हारों को ट्रेनिंग देने के लिए कई क्लस्टर बनाए हैं. क्लस्टर में कुम्हारों का प्रशिक्षण करवाया जाता है. इससे कुम्हारों के लिए मिट्टी के नए-नए आकार बनाना आसान हो गया है नतीजा वो नए-नए उत्पाद बना रहे हैं. प्रशिक्षण के चलते इनकी आय में इजाफा हो रहा है, जिससे इनका जीवन स्तर ऊपर उठा है. क्लस्टर इनको डिजाइन, पैकेजिंग, रंग आदि सभी चीजों की ट्रेनिंग देता है.
चटक रंगों का प्रोफेशनल प्रयोग और शानदार पैकिंग पर है ख़ास ज़ोर
अब तक परंपरागत रूप से कुम्हार का काम करते आ रहे वाराणसी के विकास प्रजापति ने बताया कि इलेक्ट्रिक सोलर चाक ने हमारे जीवन में खुशहाली ला दिया है. सौर ऊर्जा से चलने के कारण इस चाक से बिजली के बिल की बचत तो हो ही रही है हम अब तय समय में पहले से कई गुना ज्यादा उत्पादन भी कर रहे हैं. इसके अलावा सरकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम से हम लोग नई डिजाइन के नए उत्पाद बनाना सीख रहे हैं. मिट्टी के उत्पादों को सुरक्षित पैक करना, रंगना और उन्हें सही तापमान पर पकाने का प्रशिक्षण भी हमें मिल रहा है. इससे हम लोग ख़ास दीपावली के लिए मिट्टी के जादुई लैंप, डिजाइनर दिये, जादुई शंख और नारियल के आकार के दीये, जिसमें तेल दिखाई नहीं देता. इसके अलावा मिट्टी के झालर, लालटेन समेत अनेकों सजावटी समान बना रहे हैं.
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