Diwali Celebration: इस राज्य के 7 गांव मनाते हैं साइलेंट दिवाली, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान
Tamil Nadu Silent Diwali: एक तरफ जहां पूरे देश और दुनिया में आतिशबाजी करके दिवाली के त्योहार को मनाया गया तो वहीं एक राज्य ऐसा भी है जहां पर साइलेंट दिवाली मनाई जाती है.
Happy Diwali 2023: बीते दिन यानी रविवार (12 नवंबर) को पूरे देश और दुनिया में दिवाली का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस त्योहार पर दीप जलाकर, मिठाइयां बांटकर और आतिशबाजी करके लोगों ने एक दूसरे को बधाइयां दीं. वहीं, तमिलनाडु राज्य के 7 गांव ऐसे हैं जो दिवाली पर सिर्फ दीप प्रज्वलित कर इस त्योहार को मनाया, बिना किसी आवाज के.
दरअसल तमिलनाडु के इरोड जिले के सात गांवों में इस त्योहार को सिर्फ रोशनी के साथ मनाया गया और नजदीकी पक्षी अभयारण्य में पक्षियों के संरक्षण के मद्देनजर पटाखे नहीं फोड़े गए. ये गांव इरोड से 10 किलोमीटर दूर वदामुगम वेल्लोड के आसपास स्थित हैं, जहां पक्षी अभयारण्य है. इस साल भी, सेलप्पमपलयम, वदामुगम वेल्लोड, सेम्मांडमपालयम, करुक्कनकट्टू वलासु, पुंगमपाडी और दो अन्य गांवों ने ‘शांत’ दीपावली की सम्मानजनक परंपरा को बरकरार रखा.
22 सालों से चली आ रही साइलेंट दिवाली की परंपरा
वे पिछले 22 सालों से दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़कर इस संरक्षण दृष्टिकोण का पालन कर रहे हैं. पक्षियों की हजारों स्थानीय प्रजातियां और अन्य क्षेत्रों से प्रवासी पक्षी अक्टूबर और जनवरी के बीच अंडे देने और उन्हें सेने के लिए अभयारण्य में आते हैं.
चूंकि, दिवाली आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में आती है, इसलिए पक्षी अभयारण्य के आसपास रहने वाले 900 से अधिक परिवारों ने पक्षियों के सरंक्षण के मद्देनजर पटाखे नहीं फोड़ने का फैसला किया क्योंकि तेज आवाज और प्रदूषण के कारण पक्षियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
क्या कहना है गांववालों का?
इन गावों में रहने वालों का कहना है कि दीपावली के दौरान, वे अपने बच्चों के लिए नए कपड़े खरीदते हैं, दीप प्रज्वलित करते हैं और उन्हें केवल फुलझड़ियां जलाने की अनुमति देते हैं, पटाखे फोड़ने की नहीं ताकि पक्षियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो.
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