दिल्ली: यमुना का लगातार घटता जल-स्तर चिंता का विषय है जिस पर दिल्ली और हरियाणा सरकार को मिलकर काम करना है. यमुना के घटते जल-स्तर को लेकर दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने हरियाणा के सिंचाई विभाग को पत्र लिखा है.


दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने यमुना नदी में पानी के घटते स्तर के प्रति हरियाणा सरकार को उदासीन बताया है और उस पर लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया है. DJB की ओर से हरियाणा सरकार के रवैये पर निराशा व्यक्त की गई है और उम्मीद जताई गई है कि जल्द ही दोनों सरकारें साथ मिलकर इस मामले में कोई समाधान निकलेंगी.


दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि जल ही जीवन है. यमुना का लगातार घटता जल-स्तर चिंता का विषय है. हरियाणा सरकार का ऐसा व्यवहार काफी निराश करने वाला है. हम हरियाणा सरकार से लगातार सहयोग की मांग कर रहे हैं, हमें उम्मीद है कि जल्द ही इसका कोई समाधान निकलेगा. पिछले हफ्ते से ही यमुना का जल-स्तर लगातार घट रहा है. यमुना के घटते जलस्तर को लेकर हरियाणा के सिंचाई विभाग के संबंधित इंजीनियर्स को लगातार सूचना दी गई है, लेकिन एक्शन लेने का भरोसा दिलाने के बाद भी उन्होंने स्थिति को सामान्य करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया.


क्यों घट रहा है यमुना का जल-स्तर


सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 1996 के आदेश के मुताबिक वजीराबाद तालाब का जल-स्तर हमेशा पूरा रखना होता है. वजीराबाद तालाब के तेजी से घटते जल-स्तर की वजह से वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट से पानी का उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है. इन प्लांट्स से सेंट्रल दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली में पीने का पानी सप्लाई होता है.


यमुना नदी का सामान्य जल स्तर 674.50 फीट होना चाहिए लेकिन ये स्तर घटकर 672.20 पर आ गया है जो काफी चिंता का विषय है. राघव चड्ढा के मुताबिक इस घटते जल-स्तर का बड़ा असर दिल्ली जल बोर्ड के ट्रीटमेंट प्लांट्स पर भी पड़ सकता है और इसकी जानकारी अपर यमुना रिवर बोर्ड (UYRB) के अधिकारियों को भी दी गई है. हमारे विश्लेषण के मुताबिक दिल्ली को हर 2 हफ्ते में एक बार रॉ वॉटर की परेशानी से जूझना पड़ता है. ऐसा यमुना में घटते प्रवाह या दिल्ली सब ब्रांच (DSB) में कम प्रवाह या यमुना में बिना ट्रीट किए गए गंदा पानी छोड़े जाने की वजह से होता है जिससे दिल्ली में पानी का उत्पादन प्रभावित होता है.


यमुना में बढ़ता अमोनिया का स्तर


यमुना में अक्सर ही अमोनिया का स्तर 0.8 ppm (parts per million) की अधिकतम सीमा के भी ऊपर चला जाता है जिसका काफी बुरा असर दिल्ली के पानी उत्पादन पर पड़ता है और कई बार दिल्ली जल बोर्ड को अपने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद भी करने पड़ते हैं.


राघव चड्ढा ने बताया कि यमुना में अमोनिया का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है जो कि चिंता का विषय है. हरियाणा से यमुना में बिना ट्रीट किया गया काफी पानी छोड़ा जाता है जिसकी वजह से यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ता जाता है. कई बार तो अमोनिया का स्तर 12ppm तक चला गया है जो कि काफी खतरनाक है और इसका काफी बुरा असर दिल्ली में हमारे ट्रीटमेंट प्लांट्स पर पड़ता है. मैं हरियाणा सरकार से आग्रह करता हूं कि ना सिर्फ अमोनिया का स्तर कम करने के लिए तत्काल कोई कदम उठाएं बल्कि वजीराबाद तालाब को भरे रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी भी यमुना में छोड़ें. मुझे उम्मीद है कि वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे.


दिल्ली जल बोर्ड ने हरियाणा के सिंचाई विभाग को पिछले हफ्ते ही एक पत्र लिखा है और अमोनिया का स्तर घटाने और यमुना में पानी का पर्याप्त स्तर बनाए रखने का आग्रह किया है.


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