नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी की सफाई को लेकर कई कार्य योजनाएं बनाई जा चुकी हैं, लेकिन यमुना की स्तिथि जस की तस है. क्लीन यमुना प्रोजेक्ट दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है. दिल्ली सरकार का दावा है कि सरकार के इस कार्यकाल में यमुना साफ कर ली जाएगी. यमुना की सफाई को लेकर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने ABP न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि जो सम्मान यमुना नदी को मिलना चाहिए वो सम्मान हम दिलवाएंगे.


राघव चड्ढा ने कहा कि बीते कई दशकों से कई सरकारें यमुना को साफ करने का प्रयास करती रहीं, लेकिन कर नहीं पाए, शायद मंशा नहीं रही होगी. 70 साल यह कहते-कहते बीत गए हम यमुना साफ करेंगे, लेकिन साफ नहीं कर पाए. हमारी सरकार ने यह वादा किया है कि हम अपने इस 5 साल के कार्यकाल में यमुना नदी को बिल्कुल साफ करेंगे और जो सम्मान यमुना नदी को मिलना चाहिए वो सम्मान दिलवाएंगे. कई महत्वपूर्ण कदम दिल्ली जल बोर्ड द्वारा यमुना एक्शन प्लान के तहत उठाए गए हैं.


राघव चड्ढा ने कहा कि कई कारण हैं, जिसकी वजह से यमुना गंदी होती है-


यूपी, हरियाणा और अन्य राज्यों से कई तरह के प्रदूषक नदी में आते हैं, जिससे नदी गंदी होती है. यह पूरी तरीके से हमारे बस में नहीं है, लेकिन इस पर भी काम चल रहा है.


सबसे मुख्य कारण है दिल्ली के बहुत बड़े-बड़े नाले जैसे बारापुला ड्रेन, नजफगढ़ ड्रेन से अनट्रीटेड पानी सीधे यमुना नदी में जाकर गिरती है, जिससे नदी गंदी हो जाती है, यहां पर हम इन सीटू ट्रीटमेंट प्लांट बना रहे हैं, यानी जहां पर यह ड्रेन है, वहीं पर ही इस ड्रेन के पानी को ट्रीट करके सबसे अच्छे बीओडी लेवल पर शुद्ध पानी आगे जाए.


अभी जितने भी ऐसे इलाके हैं, जहां सीवर कनेक्शन नहीं है, जैसे अनऑथराइज़्ड कॉलोनी, जहां सीवर कनेक्शन न होने से जो भी सीवेज होता है वो भी किसी नदी या नाले के ज़रिए यमुना में जाकर गिरता है. वहां पर हम हाउसहोल्ड कनेक्शन लगाकर हर घर, हर परिवार को सीवर लाइन से जोड़ रहे हैं. ताकि ये सीवेज एक सिस्टम के तहत एक ड्रेन से होता हुआ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाए.


कार्ययोजना के बारे में बताते हुए DJB उपाध्यक्ष ने कहा दिल्ली सरकार के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में जो सीवेज को साफ करने की क्षमता थी, उसको बढ़ाकर हम वर्ल्ड क्लास लेवल पर ला रहे हैं, जिसे BOD 10-10 कहा जाता है. यानी वो पानी इतना साफ हो जाएगा कि आप हाथ में उठाकर देखेंगे तो चमचमाता पानी नज़र आएगा. बीओडी 10-10 की टेक्नोलॉजी को लगाकर हम अपने STP की क्षमता को भी बढ़ा रहे हैं और उसकी प्रॉसेस क्वालिटी को भी बढ़ा रहे हैं.


उनका कहना है कि इस दिशा में वॉरफुट पर काम हो रहा है. मुख्यमंत्री खुद इस विषय में लगातार बैठकें कर रहे हैं. कुछ दिन पहले ही बैठक हुई थी उसमें मुख्यमंत्री ने दिल्ली जल बोर्ड के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि युद्धस्तर पर इस काम को पूरा करना है. कोरोना महामारी हम सबके सर पर है, वह वास्तविकता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके एवज में काम में ढिलाई बरती जाए. सभी को यही निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द यमुना नदी पर जो काम चल रहा है, वह पूरा किया जाएगा.


अब तक कितना काम हो चुका है इसे लेकर राघव चड्ढा ने कहा कि काम कितना हो चुका है इसको प्रतिशत में बता पाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि कोई एक काम नहीं है 8-10 प्रकार के समाधान हैं. प्रदूषक कई जगह से आते हैं तो एक-एक प्रदूषक को कोर्स करेक्ट करना है. कुछ काम टेंडर के स्टेज पर हैं, कुछ लागू हो गई हैं, कुछ का अभी निर्माण कार्य चल रहा है, जैसे इन सीटू प्लांट बनाने का. हर चरण का अपना एक परसेंटेज ऑफ कंपलीशन है और हमारा जो वादा है कि 5 साल में यमुना नदी को साफ करके हमें देना है, हम प्रतिबद्ध हैं, यह हम करेंगे. मुख्यमंत्री की नियमित बैठकों से जो निर्देश आ रहा है, उसके हिसाब से दिल्ली जल बोर्ड अपने लक्ष्य को बहुत जल्द हासिल कर लेगा. 70 साल तक तमाम सरकारें यमुना को साफ नहीं कर पाईं. एक दृढ़ इच्छा वाली सरकार आई है जो लगी हुई है यमुना को साफ करने में और हम ये करके दिखाएंगे.


केंद्रीय मंत्री द्वारा यमुना को लेकर लिखी गई चिठ्ठी के सवाल पर राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार से बस इतना ही कहना चाहूंगा कि अगर राजनीति करनी है और इस प्रकार से ओछी बयानबाज़ी करनी है. तो आप नमामि गंगे का रिकॉर्ड लेकर बैठ जाइए और मैं यमुना नदी का रिकॉर्ड लेकर बैठ जाता हूं कि हमने कितना काम किया है, कितने प्रोजेक्ट अर्ली स्टेज पर हैं, कितने प्रोजेक्ट पूरे कर लिए हैं कितने कंप्लीशन स्टेज पर हैं. केंद्र सरकार के मंत्री गंगा नदी को साफ करना तो दूर, कैसे साफ करना है इस पर भी अगर तकनीकी तौर पर कुछ बता दें तो मैं मान जाऊंगा उन्हें आता है और वो करके दिखा देंगे. वो समझा भी नहीं पाएंगे, लेकिन राजनीति की जहां तक बात है बीजेपी राजनीति बहुत अच्छी करती है.


यमुना को साफ करने के लिए क्या है दिल्ली सरकार की योजना-


दिल्ली सरकार ने 2023 तक यमुना नदी के प्रदूषण को 90 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य तय किया है और इस पर 2021 में तेज़ी से काम होना है.
 
आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के ज़रिए दूषित पानी के शोधन से लेकर उसे दोबारा इस्तेमाल में लाने और ठोस कचरे से बिजली बनाने के प्लांट लगाने की योजना इसमें शामिल है.


चार नालों में से दो प्रमुख नालों यानी सप्लीमेंट्री और शाहदरा का इंटरसेप्शन का काम लगभग पूरा हो चुका है. सप्लीमेंट्री नाले से अनुपचारित पानी को दिसंबर 2021 तक पूरी तरह से टैप कर उपचारित कर लिया जाएगा.


शाहदरा नाले से अनुपचारित पानी अगले कुछ महीनों में पूरी तरह से टैप हो जाएगा. बाकी दो बड़े नालों नजफगढ़ और बारापुला का काम तय समय सीमा में पूरा करने का लक्ष्य है.


काम में तेजी लाने के लिए कम लागत वाली तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहे हैं. जिनमें अपशिष्ट जल के इन-सीटू ट्रीटमेंट, पूर्ण नालों का दोहन और एसटीपी को उपचार के लिए संवहन, उन्नत फिल्टर लगाने, कीचड़ की मात्रा में कमी के लिए झुकाव, मौजूदा एसटीपी के प्रवाह मापदंडों में गुणवत्ता में सुधार, वातन प्रणाली के माध्यम से एसटीपी की क्षमता बढ़ाना शामिल है.


कार्य योजना के तहत हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली के घरों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को आधुनिक तकनीक से शोधित करके करीब 400 MGD पानी का सिंचाई और पार्क आदि में दोबारा उपयोग किया जाएगा. मौजूदा एसटीपी से करीब 520 MGD पानी को साफ करके वापस नालों में डाला जाता है. इसमें से करीब 90 MGD पानी का ही दोबारा उपयोग किया जा रहा है.