Karnataka Politics: कर्नाटक में उठ रही 3 डिप्टी सीएम बनाने की मांग! डीके शिवकुमार ने कही ये बात
Karnataka News: उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कर्नाटक में संपत्ति कर भुगतान नियमों में संशोधन करने की बात भी कही है. उन्होंने साइनबोर्ड पर कन्नड़ भाषा को अनिवार्य बनाने को लेकर भी बयान दिया.
Karnataka News: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार (6 जनवरी) को कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार संपत्ति कर और जुर्माने के भुगतान के लिए अधिक समय देने के लिए कानूनों में संशोधन करेगी.
तीन उपमुख्यमंत्री पर क्या बोले डीके शिवकुमार
राज्य में तीन उपमुख्यमंत्री पदों को लेकर चल रही चर्चा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "तीन उपमुख्यमंत्रियों की मांग पर कांग्रेस आलाकमान जवाब देगा. मैं इसका जवाब नहीं देना चाहूंगा. फिलहाल फोकस 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने पर है. इसे संभव बनाने के लिए हम सभी को काम करने की जरूरत है.”
सरकार आपके द्वार शिकायत निवारण कार्यक्रम के बाद डीके शिवकुमार ने कहा, "शिकायत निवारण बैठकों के दौरान संपत्ति कर और जुर्माने के भुगतान के लिए अधिक समय का अनुरोध करने वाली कई अपीलें आई हैं. संपत्ति कर भुगतान प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए भी कई आवेदन आए हैं. सरकार अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद नियमों में संशोधन करेगी.''
कई लोगों पर लगाया गया है जुर्माना
उन्होंने कहा, "कई लोगों ने आवासीय भूखंडों में व्यावसायिक संपत्तियां बनाई हैं और उस पर जुर्माना लगाया गया है. कई लोगों ने राय व्यक्त की है कि जुर्माना बहुत अधिक है और समय सीमा बहुत कम है. इस पृष्ठभूमि में सरकार भुगतान की समय सीमा बढ़ाने पर विचार करेगी और दंड प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा.” शिवकुमार ने कहा कि हालांकि राज्य सरकार सुधार लाएगी, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि लोग अपनी संपत्तियों के अनुसार तुरंत कर का भुगतान करें."
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से पूछा गया कि संपत्ति कर जुर्माना भुगतान के लिए समय सीमा में कितनी छूट दी जाएगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "तीन से सात दिनों के भीतर कर और जुर्माना चुकाने के लिए नोटिस दिए गए हैं. हालांकि नोटिस कानून के अनुसार हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि इससे बहुत कुछ हो रहा है. लोगों की पीड़ा को देखते हुए हम अधिकारियों से इस पर चर्चा करेंगे और जरूरी संशोधन करेंगे.''
साइनबोर्ड पर कन्नड़ की अनिवार्यता
साइनबोर्ड पर कन्नड़ को अनिवार्य बनाने के कैबिनेट के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, "यह निर्णय कन्नड़ के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. 60 फीसदी साइनबोर्ड पर कन्नड़ में लिखा होना चाहिए. कर्नाटक रक्षणा वेदिके इसके लिए लड़ रहा है और इसके लिए कानून में भी प्रावधान है. कन्नड़ को 60 फीसदी स्थान मिलना चाहिए और बाकी साइनबोर्ड किसी भी भाषा में हो सकता है. कर्नाटक से बाहर संचालित होने वाले सभी व्यवसायों को भूमि की भाषा का सम्मान करना चाहिए."
केजे हल्ली और डीजे हल्ली दंगों में गिरफ्तार लोगों की रिहाई के लिए परिवारों की मांग के बारे में पूछे जाने पर डीके शिवकुमार ने कहा, "सभी निर्णय कानूनी ढांचे के भीतर होने चाहिए, मैं अभी इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता. चूंकि बीजेपी सरकार ने कुछ विशिष्ट दबाव डाला है आरोप है, उन्हें रिहा नहीं किया जाता है. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन निर्दोष को बख्शा जाना चाहिए. संबंधित विधायकों ने भी मुझसे इस बारे में बात की है. हम अपनी कानूनी टीम से बात करने के बाद किसी फैसले पर पहुंचेंगे."
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