सरकार बचाने की कवायद में डीके शिवकुमार का दावा, कुमारस्वामी की जगह कांग्रेस का सीएम बनाने को तैयार जेडीएस- रिपोर्ट
सीएम कुमारस्वामी ने बुधवार को परीक्षण कराने का प्रस्ताव रखा, बहुमत साबित करने के लिए आज वोटिंग होगी या नहीं ये अब स्पीकर के हाथ में है. बहुमत परीक्षण आज ही कराने की बागी विधायकों की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने मना किया. कोर्ट ने कहा कि इस तरह का आदेश नहीं देना चाहते, कल हो सकती है सुनवाई.
बेंगलुरु: कर्नाटक में सियासी घटनाक्रम हर पल बदल रहा है. आज सुप्रीम कोर्ट के आज ही बहुमत परीक्षण के आदेश से इनकार के बाद कुमारस्वामी थोड़ी राहत जरूर महसूस कर रहे होंगे. इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस नेता शिवकुमार ने दावा किया है कि जेडीएस त्याग के लिए तैयार है और कांग्रेस के मुख्यमंत्री भी बन सकता है. शिवकुमार ने कहा जेडीएस गठबंधन के लिए त्याग करने के लिए तैयार है। वे मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्दारमैया, जी परमेश्वर या मुझे देखना चाहते हैं.
शिककुमार ने कहा, ''जेडीएस के नेता कुमारस्वामी को कांग्रेस नेता से बदलना चाहते हैं. इनमें मल्लिकार्जुन खड़गे, सिद्दारमैया, जी परमेश्वर और मैं शामिल हूं. हमें भरोसा है कि सदन में विश्वास मत पास होने ने पहले बागी विधायक वापस आ जाएंगे.'' उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जेडीएस के नेताओं ने कुमारस्वामी को सिद्दारमैया से बदलने की सहमति दे दी है, हम विश्वास मत पास होने तक इंतजार करेंगे. एक बार सरकार स्थिर हो जाए इसके बाद दोनों गठबंधन सहयोगी बैठकर भविष्य ता नेता तय कर लेंगे.
आज सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ? बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि वो आदेश दें कि कुमारस्वामी बहुमत साबित करें, फ्लोर टेस्ट कराएं. सुप्रीम कोर्ट ने आज कोई आदेश देने से मना कर दिया है. इससे कुमारस्वामी को राहत मिली है और बागियों को झटका लगा है. बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने आज ही बहुमत परीक्षण का आदेश देने का अनुरोध किया. इस पर कोर्ट ने कहा कि इस तरह का आदेश नहीं देना चाहते, कल देखेंगे. इसके जवाब में रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि ठीक है फिर आप कल सुनवाई तय दीजिए. इस पर कोर्ट ने कहा कि कल देखेंगे.
बता दें कि इससे पहले राज्यपाल दो बार बहुमत परीक्षण की डेडलाइवन दे चुके हैं. सरकार संकट में इसलिए है क्योंकि 15 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. 10 कांग्रेस के, 3 जेडीएस और 2 निर्दलीय विधायक कुमारस्वामी को गिराने पर आमादा हैं. स्पीकर किसी का इस्तीफा मंजूर कर नहीं रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस्तीफे पर कोई साफ आदेश दिया नहीं. इसी उहापोह में कर्नाटक की सरकार चली जा रही है.