Warning For Congress: कर्नाटक में लोकसभा चुनाव परिणाम को कांग्रेस के लिए एक ‘‘चेतावनी’’ करार देते हुए, पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख डी.के. शिवकुमार ने सोमवार को संकेत दिया कि राज्य में सत्तारूढ़ दल उम्मीद से कम रहे प्रदर्शन के कारणों को पता लगाने में जुटा हुआ है.


उपमुख्यमंत्री ने हालिया लोकसभा चुनाव में जो भी कमियां रहीं, उन्हें दूर करने की जरूरत पर भी जोर दिया. उन्होंने पार्टी के नेताओं से इसके (कांग्रेस के) प्रदर्शन के बारे में मीडिया के समक्ष नहीं बोलने और किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराने को भी कहा.


कर्नाटक में कांग्रेस को सिर्फ 9 सीटें


राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीट में 19 पर जीत मिली, जिनमें से भाजपा को 17 और जनता दल (सेक्युलर) को दो सीट मिली. हालांकि, अपनी सरकार की ‘गारंटी’ योजनाओं का चुनावी लाभ हासिल करने की कोशिश कर रही कांग्रेस को नौ सीट पर जीत मिली.


शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम बैठकें बुला रहे हैं और चर्चा कर रहे हैं. आज हमने बेंगलुरु शहर पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई है. अन्य स्थानों के लिए भी हम तिथियां तय करेंगे. हमें यह पड़ताल करने और समीक्षा करने की आवश्यकता है कि हमने कहां गलती की....’’


'लोगों ने दी हमें चेतावनी', बोले डीके शिवकुमार


उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने हमें चेतावनी दी है. हमें भविष्य में सावधान रहने की जरूरत होगी. कम से कम अब हमें महसूस करना होगा कि क्या गलत हुआ, और हमें इसमें सुधार करना चाहिए.’’ शिवकुमार ने पार्टी के 14-15 सीट जीत लेने के प्रति आश्वस्त रहने का दावा करते हुए कहा, ‘‘हम इसमें नाकाम रहे. लोगों ने अपना फैसला दे दिया है.’’


उन्होंने कहा कि पार्टी को अपने कई नेताओं के गृह क्षेत्र में वोट नहीं मिले हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम इसकी पड़ताल कर रहे हैं कि ऐसा क्यों हुआ. इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन हार तो हार होती है. हमें यह स्वीकार करना होगा कि हमारे वोट कम हुए हैं. लोगों ने फैसला दे दिया है, हम बेकार के बहाने नहीं बना सकते. हमें इसे ठीक करना होगा.’’


इस्तीफे की मांग पर क्या बोले डीके?


एक विधायक द्वारा कथित तौर पर यह मांग किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कि पार्टी उन मंत्रियों से इस्तीफा मांगे जो लोकसभा चुनावों में अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को बढ़त दिलाने में विफल रहे, शिवकुमार ने कहा, ‘‘अच्छा होगा यदि विधायक चुप रहें.’’


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