Karnataka New Chief Minister: कर्नाटक में मुख्यमंत्री को लेकर चले लंबे मंथन के बाद अब कांग्रेस हाईकमान ने फैसला ले लिया है कि आखिर कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ढाई-ढाई साल के लिए पद संभालेंगे. कार्यकाल का पहला भाग सिद्धारमैया पास जाएगा. इस दौरान शिवकुमार दूसरे-इन-कमांड होंगे.
सिद्धारमैया के नाम पर औपचारिक मुहर लगाने के लिए आज शाम सात बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. इसके बाद कांग्रेस नेता राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. माना जा रहा है कि शिवकुमार को मनाने के लिए छह अन्य विभागों की भी पेशकश की गई है. हालांकि, इसपर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
कितने खास हैं डीके शिवकुमार
- डीके शिवकुमार को कट्टर कांग्रेसी कहा जाता है. शिवकुमार का जन्म 15 मई 1962 को कनकपुरा में डोड्डालहल्ली केम्पे गौड़ा में हुआ था. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 के दशक में एक छात्र नेता के रूप में की थी.
- शिवकुमार कर्नाटक में लिंगायतों के बाद दूसरे सबसे प्रभावशाली समुदाय वोक्कालिगा समुदाय से हैं. वह अपने छात्र जीवन से ही कांग्रेस से जुड़े रहे हैं और गांधी परिवार के लिए भी वफादार रहे हैं. उन्हें कई बार बीजेपी में शामिल होने के ऑफर मिले लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया.
- 2020 में शिवकुमार कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख बने थे. राज्य में कांग्रेस को एक बार फिर से खड़े करने में उनकी भूमिका को कांग्रेस कभी नहीं भुला सकती है. उनकी रणनीतियों के कारण ही पार्टी को दोबारा मजबूती मिली.
- केवल कर्नाटक ही नहीं गुजरात में 2017 के राज्यसभा चुनाव में स्वर्गीय अहमद पटेल की जीत के पीछे भी शिवकुमार का ही हाथ था. उन्होंने पश्चिमी राज्य में कांग्रेस विधायकों को एक रिसॉर्ट में घेर लिया था. बीजेपी से सीधे-सीधे लोहा लेने पर वह पूरे देश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कई बार तारीफ बटोर चुके हैं.
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से डीके शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले मामला दर्ज किया गया. इसमें उन पर टैक्स चोरी और हवाला लेनदेन का आरोप लगाया गया था. इसके बावजूद भी कांग्रेस अभी तक उनपर भरोसा जता रही है. यही कारण है कि वह सीएम रेस का हिस्सा हैं और उन्हें मनाने के लिए हर संभव कोशिश हो रही है.
- कांग्रेस को आर्थिक मदद देने की बात हो तो इसमें भी डिके शिवकुमार का नाम सबसे आगे है. उन्हें चाहे कर्नाटक कांग्रेस और या कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा हो हर मौके पर पार्टी को फंड दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने विधानसभा चुनाव में भी काफी पैसा खर्च किया था.
- शिवकुमार को संगठन के एक अच्छे कप्तान के रूप में देखा जाता है. वह पिछली कांग्रेस सरकार में एक मंत्री भी रह चुके हैं और इसके बाद पार्टी प्रमुख भी. बड़ी बात यह है कि उनके चीफ रहते हुए पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में बहुमत से जीत हासिल की है.
- उन्होंने सथानूर विधानसभा सीट से अपना पहला चुनाव तब लड़ा था जब वह सिर्फ 27 साल के थे. तीन दशकों के बाद, उन्होंने कनकपुरा सीट पर अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा, जहां उन्होंने बीजेपी के छह बार के विधायक आर अशोक को हराया.
- कहा जाता है कि उनके पास जाति समूहों के किसी भी वर्ग में मज़बूत समर्थन का आधार नहीं है, लेकिन वह जानते हैं कि मुद्दों से कैसे निपटना है. उनके पास एक ऐसा व्यक्तित्व है जो उनके विरोधियों के बीच विश्वास और भय पैदा करता है.
- कांग्रेस हाईकमान में उनकी पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब वह जेल में थे तब उनसे मिलने खुद सोनिया गांधी पहुंची थी. इसपर वह अपनी जीत के बाद 13 मई को रो भी दिए थे. कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद जब वह मीडिया के सामने आए तो बोलते हुए भावुक हो गए और रोते हुए उन्होंने बताया कि वह भूल नहीं सकते कि सोनिया गांधी मुझसे जेल में मिलने आई थीं.
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