गोवा: उत्तरी गोवा में आतंकवादी हमले के खतरे को देखते हुए डीएम ने जिले में धारा 144 लगा दिया है. इसी के साथ ही इलाके में लोगों की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. वहीं आतंकवादी हमले के खतरे को लेकर गोवा पुलिस कन्फ्यूड और परेशान है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनके पास ऐसी कोई खुफिया जानकारी नहीं है.

हालांकि पुलिस ने स्वीकार किया है कि एक रूटीन आदेश था लेकिन उनकी बातों में कन्फ्यूजन था कि खतरे को लेकर उनके पास कोई विश्वस्त खुफिया जानकारी का इनपुट था. जबकि आदेश से स्पष्ट है कि गैर सामाजिक तत्वों द्वारा कोई अपराध किया जा सकता है.

गृह विभाग आदेश को जारी करते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने साफ कहा कि किराएदारों को घर देने से पहले और होटलों में कमरा देने और बोर्डिंग, निजी गेस्ट हाउस, धार्मिक निकायों में जगह देने से पहले व्यक्ति की सभी जानकारी को सत्यापित करना अनिवार्य है.

प्रशासन की तरफ से दिए गया आदेश दो महीनों तक लागू रहेगा.

दरअसल 11 फरवरी से गोवा कार्निवल की मेजबान कर रहा है. इस वार्षिक कार्यक्रम के दौरान इस आदेश ने गोवावासियों में डर बढ़ा दिया है.

हालांकि एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि वो इस जानकारी की सत्यता की जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके पास केंद्र सरकार की ऐसी कोई खुफिया रिपोर्ट नहीं है. वहीं गोवा की बीजेपी सरकार धारा 144 लागू करने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर है.

बता दें कि राज्य में निषेधाज्ञा अक्टूबर में राम जन्म भूमि मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लगाया गया था जिसे बाद में एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया था. विपक्षी दलों का आरोप है कि राज्य सरकार ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए धारा 144 लगाने का आदेश दिया है.

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