DMK Hits Out Governor RN Ravi: तमिलनाडु की स्टालिन सरकार के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद से केंद्र सरकार और डीएमके के बीच जुबानी जंग जारी है. इस बीच तमिलनाडु के मंत्री के पोनुमुडी ने गुरुवार (15 जून) को राज्यपाल आरएन रवि को निशाना पर ले लिया.


डीएमके सरकार की ओर से तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को सेंथिल बालाजी के मंत्रालयों का प्रभार किसी अन्य को देने के लिए फाइल भेजी गई थी. जिसे उन्होंने लौटा दिया था. स्टालिन सरकार के मंत्री पोनुमुडी ने राज्यपाल आरएन रवि पर हमला करते हुए उनसे बीजेपी के एजेंट की तरह व्यवहार न करने को कहा.


गुमराह करने वाली और गलत जानकारी- राज्यपाल
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री पोनुमुडी ने कहा कि राज्यपाल ने सीएम एमके स्टालिन की ओर से बालाजी के मंत्रालयों का प्रभार अन्य मंत्रियों को देने की फाइल को लौटा दिया. उन्होंने कहा कि बालाजी की मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में गिरफ्तारी और अस्पताल में भर्ती होने के बाद ये जरूरी था. पोनुमुडी ने कहा कि आरएन रवि ने ये कहते हुए फाइल लौटा दी कि इसमें गुमराह करने वाली और गलत जानकारी है.


स्टालिन सरकार के मंत्री ने कहा कि मंत्री के बीमार होने के चलते सीएम एमके स्टालिन उनके विभागों का प्रभार का बंटवारा करना चाहते थे, लेकिन राज्यपाल आरएन रवि ने ये कहते हुए फाइल लौटा दी कि इसमें सही कारण नहीं दिया गया है. उनकी (स्टालिन) ओर से दिए गए कारण गुमराह करने वाले और गलत हैं. 


बीजेपी के एजेंट की तरह नहीं करें व्यवहार- स्टालिन सरकार के मंत्री
पोनुमुडी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बातें कहीं, जो स्टालिन की ओर से एक बैठक बुलाए जाने की बाद की गई थी. इस बैठक में एक बार फिर से आरएन रवि को फाइल भेजने का फैसला लिया गया था. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री पोनुमुडी ने कहा कि हम सोचते हैं कि वो (राज्यपाल) इसे स्वीकार कर लेंगे और बीजेपी के एजेंट की तरह व्यवहार नहीं करेंगे.


पोनुमुडी ने कहा कि आरएन रवि ने 31 मई को स्टालिन को पत्र लिखकर बालाजी को मंत्री पद से हटाने को कहा था. उन्होंने दावा किया कि ये सेंथिल बालाजी पर ईडी की रेड और गिरफ्तारी से कई दिन पहले हुआ था. इसके जवाब में स्टालिन ने लिखा था कि अगर किसी केस में मंत्रियों का नाम है तो उन्हें पद से हटाने की जरूरत नहीं है.


तमिलनाडु सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी को 28 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बालाजी पर 2011 से 2015 के बीच भ्रष्टाचार करने का आरोप है. इस गिरफ्तारी के बाद से ही डीएमके लगातार बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर आलोचना कर रही है.


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