DMK Leader Shivaji Krishnamoorthy Controversial Statement: तमिलनाडु में इन दिनों एमके स्टालिन सरकार और राज्यपाल आरएन रवि के टकराव बढ़ता जा रहा है. इस बीच डीएमके नेता शिवाजी कृष्णमूर्ति ने राज्यपाल को लेकर विवादित बयान दिया है. गुरुवार (12 जनवरी) को राज्यपाल पर विवादित टिप्पणी करते हुए डीएमके नेता ने कहा, "अगर राज्यपाल अपने विधानसभा भाषण में आंबेडकर का नाम लेने से इनकार करते हैं, तो क्या मुझे उन पर हमला करने का अधिकार नहीं है?"


एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक, डीएमके नेता ने आगे कहा, "यदि राज्यपाल, सरकार की ओर से दिए गए भाषण को नहीं पढ़ते हैं, तो कश्मीर चले जाएं और हम आतंकवादी भेजेंगे, वे आपको मार गिराएंगे." अब उनके इस बयान पर विवाद होना तय माना जा रहा है. इससे पहले डीएमके के संगठन सचिव आरएस भारती भी राज्यपाल पर विवादित बयान दे चुके हैं.


 






DMK पर बीजेपी का हमला


राज्यपाल के लिए डीएमके नेताओं की विवादित टिप्पणी पर बीजेपी ने निशाना साधा है. तमिलनाडु बीजेपी के उपाध्यक्ष नारायणन थिरुपति ने कहा, "यह डीएमके की संस्कृति है. पिछले 60 वर्षों से वे गंदी भाषा और गंदी राजनीति का प्रयोग कर रहे हैं. वे इसके लिए जाने जाते हैं. यह डीएमके के डीएनए में है. शिवाजी कृष्णमूर्ति और आरएस भारती ने गवर्नर आरएन रवि को गाली दी थी और कहा था कि वे उन्हें मार देंगे. हमें आश्चर्य है कि क्या DMK का आतंकवादियों से कोई संबंध है."


 






विधानसभा सत्र के दौरान हुआ विवाद


इससे पहले विधानसभा सत्र की शुरुआत के दौरान राज्यपाल आरएन रवि अपना अभिभाषण बीच में छोड़कर चले गए थे. जिस पर सरकार ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने कैबिनेट की ओर से पेश किए गए अभिभाषण को नहीं पढ़ा है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक प्रस्ताव पेश करके विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावू से आग्रह किया था कि कैबिनेट की ओर से अनुमोदित अभिभाषण को ही कार्यवाही में शामिल किया जाए.


क्या था पूरा विवाद?


राज्यपाल रवि के अभिभाषण के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि इसमें त्रुटियां थीं क्योंकि उन्होंने सरकार की ओर से तैयार किए गए अभिभाषण की कुछ चीजों को छोड़ दिया था. अभिभाषण में राज्यपाल ने अपनी तरफ से कुछ बातों को जोड़ दिया था. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि राज्यपाल के अभिभाषण के सामग्री की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद की होती है. राज्यपाल का यह कर्तव्य है कि वह सरकार की ओर से तैयार अभिभाषण को ही पढ़ें.


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