PM Modi Tamil Nadu Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) को लेकर बड़ा हमला बोला है. बुधवार (28 फरवरी, 2024) को उन्होंने कहा- डीएमके ऐसी पार्टी है जो काम नहीं करती और झूठा क्रेडिट लेने के लिए आगे रहती है. कौन नहीं जानता कि ये लोग हमारी स्कीम पर अपने स्टीकर चिपका लेते हैं. इन्होंने तमिलनाडु में इसरो लॉन्चपैड का श्रेय लेने के लिए चीन का स्टीकर चिपका दिया.
पीएम मोदी के मुताबिक, "तमिलनाडु में डीएमके के नेता कुछ देख ही नहीं सकते हैं. जो देख नहीं सकता, उसे क्या कहते हैं...यह आप जानते हैं. ये लोग भारत की प्रगति और स्पेस की प्रगति देखने को तैयार नहीं है. जो टैक्स तमिलनाडु के भाई-बहन देते हैं, उस पैसे से इन्होंने विज्ञापन दिया और उसमें भारत का चित्र नहीं रखा."
हमने हर कोने और परिवार को माना अपना परिवार- PM
पीएम मोदी ने बुधवार (28 फरवरी, 2024) को तमिलनाडु दौरे के बीच एक जनसभा में डीएमके और कांग्रेस पर समाज को बांटने की राजनीति करने वाले दल बताया. पीएम मोदी के मुताबिक, डीएमके और कांग्रेस सिर्फ यही काम करती है लेकिन एनडीए सरकार ने देश के हर कोने, हर परिवार को अपना परिवार माना है.
'तमिलनाडु के एल मुरुगन को हिंदी भाषी राज्य से दोबारा राज्यसभा भेजा'
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन का जिक्र करते हुए कहा- तमिलनाडु और तमिल लोगों से हमारा बेहद लगाव है. हमने तमिलनाडु की संतान और दलित बेटे एल. मुरुगन को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया है. वह तमिलनाडु से जीत कर नहीं आए थे लेकिन हिंदी भाषी राज्य मध्य प्रदेश से उनको दोबारा राज्यसभा से भेजा है. एल. मुरुगन तमिलनाडु की धरती के पुत्र हैं. उनको मंत्रिमंडल में गौरवपूर्ण स्थान दिया गया है.
'तमिलनाडु की महान विरासत 'सेंगोल' संसद में स्थापित'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (28 फरवरी) को तिरुपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भी कहा था कि उनका तमिलनाडु के साथ भावनात्मक जुड़ाव है और उन्होंने देश के साथ ही राज्य की महान विरासत का सम्मान करते हुए संसद में 'सेंगोल' स्थापित किया है.
'तमिलनाडु के कन्याकुमारी से हुई थी शुरू बीजेपी की एकता यात्रा'
वर्तमान लोकसभा में बीजेपी का तमिलनाडु से एक भी सदस्य नहीं है. उन्होंने कहा था कि बीजेपी की एकता यात्रा 1991 में तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य श्रीनगर के लाल चौक पर भारतीय ध्वज फहराना और अनुच्छेद 370 को हटाना था. उन्होंने कहा कि लेकिन आज दोनों मिशन हासिल कर लिये गए हैं.
यह भी पढ़ें: कौन सा है वो केस, जिसमें अखिलेश यादव को सीबीआई ने भेजा समन, जानें कब है पेशी