DMK Vs TN Governor RN Ravi: तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर से डीएमके सांसद टीआर बालू (TR Baalu) ने पार्टी के सांसदों और समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों को एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने राज्यपाल (TN Governor) आरएन रवि (RN Ravi) को तत्काल प्रभाव से हटाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) को भेजे जाने वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा है.


सभी समान विचारधारा वाले सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने पत्र में लिखा, ''प्रिय सांसदों, डीएमके और समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के सांसदों से आग्रह है कि कृपया अन्ना अरिवलैयम मुख्यालय जाएं और तमिलनाडु के राज्यपाल को तत्काल प्रभाव से हटाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम लिखे ज्ञापन को पढ़ें और हस्ताक्षर करें. कृपया तीन नवंबर से पहले ज्ञापन पर हस्ताक्षर करें.''



राज्यपाल पर बीजेपी को खुश करने का आरोप


इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके पार्टी और धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन (SPA) में उसके सहयोगियों ने रविवार (30 अक्टूबर) को कहा था कि उच्च पद की लालसा में राज्यपाल अगर बीजेपी और केंद्र के नेतृत्व को खुश करने के लिए विचारों को जाहिर करना चाहते हैं तो उन्हें जरूर इस्तीफा दे देना चाहिए.  


गठबंधन सहयोगियों ने एक संयुक्त बयान में कहा था, ''उनके भाषणों पर ध्यान दिया जाता है क्योंकि वह राज्य के राज्यपाल हैं. अगर वह उच्च पद प्राप्त करने की लालसा में बीजेपी नेतृत्व को खुश करने के लिए विचार व्यक्त कर रहे हैं तो उन्हें राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.''


आरएन रवि इस बयान पर बवाल


तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कहा था कि कई हजार सालों से भारत सनातन धर्म से निर्देशित है. आरएन रवि सनातन धर्म से जुड़े विचार व्यक्त करते रहे हैं. इस पर डीएमके समेत कुछ दलों को आपत्ति है. 


डीएमके के आरोपों का पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने कहा था कि राज्यपाल ने किसी धर्म के बारे में नहीं बोला है. तिरुपति ने कहा, ''राज्यपाल ने सनातन धर्म के बारे में बोला, जो कि देश की संस्कृति है. ये लोग यह नहीं जानते हैं क्योंकि वे छद्म धर्मनिरपेक्ष हैं. वे एक वर्ग को खुश करना चाहते हैं, इसलिए वे राज्यपाल पर हमला कर रहे हैं. राज्यपाल केवल संविधान के हिसाब से बात कर रहे हैं. सनातन धर्म पर राज्यपाल का रुख 100 फीसदी सही है, इन लोगों को राज्यपाल पर आरोप लगाने या गाली देने का कोई अधिकार नहीं है, राज्यपाल केवल तमिलनाडु के लोगों के लिए बोल रहे हैं.''


एआईएडीएमके ने किया राज्यपाल का बचाव


एआईएडीएमके प्रवक्ता कोवई सत्यन ने भी डीएमके पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर डीएमके और उनके समर्थक राज्यपाल की धर्मनिपेक्ष प्रकृति पर सवाल उठाते हैं तो किसी को मुख्यमंत्री से भी वही पूछना चाहिए जो कि त्योहारों को लेकर अपनी इच्छा थोपने में बेहद चयनात्मक हैं. राज्यपाल पर उंगली उठाने से पहले डीएमके को सीएम स्टालिन के धर्मनिरपेक्ष स्वभाव के बारे में पूछना चाहिए.


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