Sanatana Dharma Contraversy: 'हम सनातन धर्म का पालन करने वालों का विरोध नहीं करते, लेकिन...', बोले DMK नेता
Sanatana Dharma Row: डीएमके नेता शेखर बाबू ने कहा कि वह सनातन धर्म का पालन करने वालों का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन इसके कुछ सिद्धांत प्रगतिशील नहीं हैं.
Sekar Babu On Sanatana Dharma: तमिलनाडु के मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी पर हुए विवाद के बाद द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) नेता शेखर बाबू ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने गुरुवार (14 सितंबर) को कहा कि उनकी पार्टी सभी हिंदुओं का स्वागत करती है और सनातन धर्म मानने वालों का समर्थन भी करती है.
उन्होंने कहा, "हम सनातन धर्म का पालन करने वालों का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन इसके कुछ सिद्धांत, जैसे महिलाओं को शिक्षित न होने देना, सती प्रथा और कुल कालवी प्रगतिशील नहीं हैं. हमारा मानना है कि लोगों में बंटवारा नहीं होना चाहिए और हम छुआछूत मिटाना चाहते हैं. चूंकि सनातन में इन सबका जिक्र है, इसलिए हम इसका विरोध करते हैं."
सरकार की आलोचना करने के लिए मुद्दे नहीं
शेखर बाबू ने कहा कि तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख अन्नामलाई बिना मतलब के बोल रहे हैं और वह सनातन का मुद्दा इसलिए उठा रहे हैं, क्योंकि राज्य में जिस तरह से शासन किया जा रहा है, उसको को लेकर उनके पास आलोचना करने के लिए कुछ भी नहीं है.
'अन्नामलाई की पदयात्रा विफल'
बीजेपी पर निशाना साधते हुए मंत्री शेखर बेबी ने कहा, "वह (बीजेपी) समझ नहीं पा रही हैं कि तमिलनाडु में अपनी पार्टी को कैसे जिताएं?'' उन्होंने यह भी दावा किया कि अन्नामलाई की पदयात्रा विफल हो गई थी और उन्हें सनातन बहस में शामिल होना पड़ा. डीएमके नेता का यह बयान मुंबई में मीरा रोड पुलिस ने सनातन धर्म पर उदयनिधि की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के बाद आया है.
क्या कहा था उदयनिधि स्टालिन ने?
बता दें कि, डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में लोगों के बीच विभाजन और भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए सनातन धर्म को दोषी ठहराया था. इतना ही नहीं उन्होंने सनातन की तुलना मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से करते हुए कहा था कि इसे खत्म कर देना चाहिए.
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