DMRC E-Feeder Bus: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) आज से फीडर इलेक्ट्रिक बसों को ट्रायल बेसिस पर चलाने की शुरुआत कर रहा है. दिल्ली मेट्रो के यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध करने के लिए इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. इन फीडर बसों में कंडेक्टर मौजूद नहीं होगा. साथ ही इनमें सीसीटीवी, पैनिक बटन समेत कई आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद होंगी. फिलहाल राजधानी के दो रूट पर ट्रायल के तौर पर इन बसों को चलाया जा रहा है. 




डीएमआरसी ने इस बारे में एक बयान जारी करते हुए कहा, "दिल्ली मेट्रो राजधानी में आज से पहली बार इलेक्ट्रिक फीडर बसों को चलाने की शुरुआत करने जा रही है. ट्रायल रन के तहत 25 लो फ़्लोर ई-बस दो अलग अलग रूट से चलाई जाएंगी." साथ ही डीएमआरसी ने कहा है कि वो अक्टूबर के अंत तक अलग अलग फेज में ऐसी 100 फीडर इलेक्ट्रिक बस ले आएगा. जिस से मेट्रो यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जा सके. 






आज से इन रूट पर चलेंगी

 

डीएमआरसी के अनुसार, आज से ये फीडर बस सेवा दो रूट पर चलेगी. इसमें से एक रूट खजूरी चौक से होते हुआ शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन से गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन तक का है. 10.3 किलोमीटर के इस रूट को MC-721 के नाम से मार्क किया गया है. इसके अलावा दूसरा रूट शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन से मदर डेरी तक का है. 7.7 किलोमीटर लंबे इस रूट को ML-05 के नाम से मार्क किया गया है. 

 

 होंगी पूरी तरह से कैशलेस 

 

इन फीडर इलेक्ट्रिक बसों में कंडक्टर मौजूद नहीं होगा और टिकट खरीदने की कैशलेस व्यवस्था होगी. यात्री इनमें मेट्रो स्मार्ट कार्ड के जरिए ये टिकट खरीद सकेंगे. टिकट के दामों की बात करें तो 0 से 4 किलोमीटर के लिए यात्रियों को 10 रुपये, 4 से 8 किलोमीटर के लिए 15 रूपये,  8 से 12 किलोमीटर के लिए 20 रुपये और 12 किलोमीटर से ज्यादा के लिए 25 रुपये का भुगतान करना होगा.  

 

बसों को चार्ज करने के लिए बनाए गए हैं 2.5 मेगावाट के चार्जिंग स्टेशन

 

ये बसें पूरी तरह एयर कंडीशंड हैं. साथ ही इनमें जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे और इमरजेंसी की स्थिति में पैनिक बटन भी मौजूद हैं. इसके साथ ही इनमें ऑडियो विजुअल पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम भी लगा है. जिस से मेट्रो की ही तरह इन बसों में भी आने वाले स्टेशन को लेकर यात्रियों को जानकारी मिल जाएगी. इन इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए 2.5 मेगावाट के चार्जिंग स्टेशन भी बनाए गए हैं. साथ ही बसों की सफाई और धुलाई के लिए ऑटोमैटिक वाश प्लांट भी बनाए गए हैं.   

 

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