DNPA Conclave & Awards 2024: ''रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल (राजस्व साझा करने वाली व्यवस्था) को लेकर डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स और बड़े टेक प्लैटफॉर्म्स के बीच एक असंतुलन है. डिजिटल इंडिया एक्ट इसी असंतुलन से निपटने के प्रयास करेगा.'' ये बातें केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार (6 फरवरी 2024) को डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) कॉन्क्लेव 2024 के मंच से कहीं.
राजधानी दिल्ली के शांगरी ला होटल में स्टोरीबोर्ड 18 के साथ डीएनपीए के इस आयोजन (दूसरे डीएनपीए कॉन्क्लेव और डिजिटल इंपैक्ट अवॉर्ड्स) में राजीव चंद्रशेखर ने यह भी कहा, "हम इस विषमता (कॉन्टेंट बनाने वालों और उस कॉन्टेंट को मॉनिटाइज कराने में उनकी मदद करने वालों के बीच) को लेकर चिंतित हैं."
केंद्रीय मंत्री ने आगे यह भी बताया कि डिजिटल इंडिया एक्ट (2024 के लोकसभा चुनाव के बाद) आने के बाद यह भारतीय डिजिटल ईको-सिस्टम में छोटे और मध्यम वर्ग के साथ बड़े (टेक) प्लैटफॉर्म्स और कॉन्टेंट की मॉनिटाइजिंग का काम संभालने वाले पहरुओं के बीच पारदर्शी विषमता से निपटेगा. इस विषमता को कानून के तहत लाया जाना चाहिए या फिर कम से कम इसका नए कानून के नियमों के जरिए विनियमन किया जाना चाहिए.
राजीव चंद्रशेखर की ओर से जब ये बातें कार्यक्रम में कही गईं तब वहां कई बड़े नीति निर्माता, स्टेकहोल्डर्स, देश की मीडिया इंडस्ट्री के दिग्गज और विदेश से आए कई मेहमान मौजूद थे.
पश्चिम और चीन में एकाधिकार पर भारत ने चुना दूसरा मार्ग- कांत
जी-20 के शेरपा और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने प्रोग्राम में बताया, "बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के बलबूते पश्चिमी देशों के मुल्कों ने हाल-फिलहाल के वर्षों में विकास किया है. ठीक ऐसा ही चीन के साथ भी हुआ है और यह स्पष्ट तौर पर मोनोपली (एकाधिकार) का मामला है. हालांकि, इंडिया इकलौता ऐसा देश है जिसने इस मामले में दूसरा ही रास्ता चुना है."
क्यों अहम था डीएनपीए का यह इवेंट?
कार्यक्रम में डिजिटल मीडिया के ईको-सिस्टम के लिए आगे क चुनौतीपूर्ण रास्ते को लेकर गहन चर्चा हुई, जिसमें आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) से होने वाले बदलाव सरीखे विषय भी प्रमुखता से शामिल रहे. दरअसल यह मुद्दा इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि अमेरिका के इंटनेट सर्च इंजन गूगल (अल्फाबेट के मालिकाना हक वाली कंपनी) जैसी बड़ी टेक कंपनियां (न्यूज पब्लिशर्स के प्रकाशित कॉन्टेंट को इस्तेमाल करने के लिए) न्यूज पब्लिशर्स के मुकाबले बहुत अधिक रेवेन्यू ले लेती हैं.
DNPA को जानिए
डीएनपीए यानी डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन. यही इसका पूरा नाम है. यह भारत के टॉप 18 प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पब्लिशर्स की डिजिटल इकाइयों का सर्वोच्च संगठन है, जिसके तहत दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, दि इंडियन एक्सप्रेस, मलयालम मनोरमा, ईनाइडू टेलीविजन, इंडिया टुडे, अमर उजाला, हिंदुस्तान टाइम्स, जी मीडिया, एबीपी नेटवर्क, लोकमत, टाइम्स ऑफ इंडिया, एनडीटीवी, एक्सप्रेस नेटवर्क, मातृभूमि, दि हिंदू, इंडिया टीवी और नेटवर्क 18 आते हैं. डीएनपीए के काम की बात करें तो यह विश्वसनीय खबरों को बढ़ावा देने के साथ न्यूज इंडस्ट्री की ग्रोथ के अहम कारकों की सुरक्षा भी करता है.