इंदौर: पहले कोरोना को दी मात अब प्लाज्मा देकर बचा रहे जान, डॉक्टर बोले- कोरोना हारेगा, भारत जीतेगा
इंदौर में 2 डॉक्टरों ने कोरोना महामारी को मात दे दी है, जिसके बाद अब वो प्लाज्मा दान कर 3 गंभीर मरीज़ों की मदद कर रहें है. इंदौर में कोरोना के मरीज़ों की संख्या 1207 हो गई है जबकि इससे मरने वालों का आंकड़ा 60 हो गया है.
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि कोविड-19 के तीनों मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी के प्रयोग का सकारात्मक असर दिखायी देगा. हालांकि, यह प्रयोग अगले 14 दिन तक चल सकता है. लिहाजा इसके नतीजों को लेकर अभी पक्के तौर पर कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी."
डोसी ने बताया कि प्लाज्मा थैरेपी के प्रयोग के दौरान तीनों मरीजों को उन व्यक्तियों का प्लाज्मा चढ़ाया जा रहा है जो इलाज के बाद कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त हो गये हैं. इस प्रयोग के लिये दो डॉक्टरों ने प्लाज्मा दानदाता बनकर पहल की है. दोनों डॉक्टर सैम्स में ही इलाज के बाद कोरोना वायरस संक्रमण की जद से बाहर आये हैं. हालांकि, वे इस निजी अस्पताल में काम नहीं करते.
प्लाज्मा दान करने वाले डॉक्टरों में इजहार मुंशी (54) शामिल हैं. एमडी डॉक्टर मुंशी ने बताया, "जब मुझे प्लाज्मा दान के लिये कहा गया, तो मैंने फौरन हां कर दी. मेरे मन में एक ही नारा गूंज रहा है-कोरोना हारेगा, भारत जीतेगा." मुंशी ने कहा, "मैंने सैम्स से ऐसे 60 लोगों की सूची ली है, जो इलाज के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं. मैं ऐसे लोगों से प्लाज्मा दान करने का अनुरोध करूंगा."
प्लाज्मा दान करने वाले एक अन्य डॉक्टर इकबाल नबी कुरैशी (39) यकृत रोग विशेषज्ञ हैं. कुरैशी ने कहा, "मैंने कोविड-19 से लड़ाई में अपने स्तर पर छोटी-सी भूमिका निभाई है." कोरोना वायरस को मात देने वाले 39 वर्षीय डॉक्टर ने कहा, "लोगों को इस महामारी को लेकर खौफजदा होने की जरूरत नहीं है. उचित इलाज के बाद इसके ज्यादातर मरीज ठीक हो जाते हैं. हालांकि, यह तेज़ी से फैलने वाली बीमारी है. लिहाजा इससे बचाव के लिए पूरी सावधानी बरती जानी चाहिये." जानकारों ने बताया कि कोविड-19 से पूरी तरह उबर चुके लोगों के खून में एंटीबॉडीज बन जाती हैं जो भविष्य में इस बीमारी से लड़ने में उनकी मदद करती हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए व्यक्ति के खून से प्लाज्मा अलग किया जाता है. फिर इस स्वस्थ व्यक्ति के प्लाज्मा को महामारी से जूझ रहे मरीज़ के शरीर में डाला जाता है ताकि उसे संक्रमणमुक्त होने में मदद मिल सके. कोविड-19 मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी के असर को लेकर दुनिया भर के मेडिकल समुदाय में बहस चल रही है.ये भी पढ़े.
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