गोरखपुर: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से 36 बच्चों की मौत के बीच तारीफ बटोरने वाले एनआईसीयू प्रमुख डॉक्टर कफील खान को उनके पद से हटा दिया गया है. उनके खिलाफ संगीन आरोपों का खुलासा हुआ है. कोर्ट ने उनके खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज करने का आदेश दिया था, जबकि उनके प्राइवेट प्रैक्टिस के सबूत भी मिले हैं. अब डॉक्टर महेश शर्मा एनआईसीयू के नए प्रमुख होंगे.


आज जब सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में अस्पताल के दौरे पर थे तब उनसे प्राइवेट प्रैक्टिस पर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा कि प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.


डॉक्टर कफील खान को लेकर कई तरह की जानकारियां आ रही हैं. कोर्ट ने डॉक्टर खान के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज करने का आदेश दिया था. एबीपी न्यूज़ के पास कोर्ट के आदेश की कॉपी है, जिसे हम यहां शेयर कर रहे हैं.



डॉक्टर कफील खान के प्राइवेट प्रैक्टिस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ. नीचे तस्वीर में साफ दिख रहा है कि डॉक्टर कफील प्राइवेट प्रैक्टिस करते थे.



आपको बता दें कि 10 अगस्त को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने के बाद 36 बच्चों की मौत हो गई है. हालांकि, सूबे की सरकार ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से मौत का इनकार कर रही है. अब योगी सरकार ने चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई है.


क्या है डॉ. कफील के बारे में उनके ड्राइवर और तीमारदारों की राय...


उनके ड्राइवर सूरज पांडे यह मानते हैं कि वह अपना काम पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करते हैं और उनके द्वारा कोई लापरवाही नहीं बरती गई. बस्ती के रहने वाले सूरज डेढ़ साल से डॉक्टर कफील खान की फॉर्च्यूनर गाड़ी चला रहे हैं. वह बताते हैं कि जिस दिन ज्यादा बच्चों की मौत हुई उस दिन भी डॉक्टर कफील खान 3:00 बजे रात तक मेडिकल कॉलेज में ही थे.



डॉक्टर कफिल खान को लेकर इंसेफेलाइटिस वार्ड में इलाज करा रहे लोगों ने भी अपनी अच्छी राय दी. दिमागी बुखार से पीड़ित अपने बच्चों को इलाज के लिए इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती कराने वाले गंगाराम और हरेंद्र कुमार गुप्ता भी डॉक्टर कफील खान के बारे में कहते हैं कि वह समय-समय पर उनके बच्चों को देखने आते रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें भी पता चला कि ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हुई है.