Doctor's Strike: जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) के ओमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) से दुनियाभर में 14 लोगों की मौत की खबर है. भारत में भी खतरा बढ़ रहा है, लेकिन देश में डॉक्टर हड़ताल पर है. राजधानी दिल्ली (Delhi) में अबतक ओमिक्रोन वेरिएंट के 54 मामले सामने आ चुके हैं. इस बीच दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल का आज छठा दिन है. हड़ताली डॉक्टर्स  न ओपीडी चलने दे रहे , न इमरजेंसी में इलाज कर रहे हैं. मध्य प्रदेश का हाल भी कुछ ऐसा ही है. वहां जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. पढ़ें ये रिपोर्ट.


सरकार के खिलाफ मोर्चेबंदी में जुटे हैं डाक्टर्स


दिल्ली के AIIMS समेत छह सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स पिछले छह दिनों से कामकाज छोड़कर सरकार के खिलाफ मोर्चेबंदी में जुटे हैं. न ओपीडी चलने दे रहे, न इमरजेंसी में इलाज कर रहे हैं. मरीजों को बिना इलाज के अस्पताल से लौटाया जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी, उनकी हड़ताल जारी रहेगी.


दरअसल नीट काउंसलिंग 2021 में हो रही देरी को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है. दिल्ली में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन यानि FORDA के आवाहन पर दिल्ली के 6 सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहें हैं. 17 दिसंबर से चल रही रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन  की अनिश्चितकालीन हड़ताल में तीन से पांच हजार डॉक्टरों के शामिल होने का अनुमान है. दिल्ली सरकार के सफदरजंग अस्पताल, एलएनजेपी, आरएमएल और लेडी हार्डिंग के रेजिडेंट डॉक्टर्स भी आधिकारिक तौर पर इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं. गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और  FORDA ने कम से कम चार दौर की बैठक की हैं, लेकिन अब तक बात नहीं बनी है. डॉक्टरों की हड़ताल के कारण पिछले 6 दिनों में 1000 से ज्यादा ऑपरेशन नहीं हो पाए. इसके बाद भी हड़ताली डॉक्टर पीछे हटने को तैयार नहीं.


मध्‍यप्रदेश में जूनियर डाक्‍टरों की हड़ताल फिर शुरू


गांधी मेडिकल कालेज (जीएमसी), भोपाल समेत पीजी कोर्स संचालित करने वाले प्रदेश के सभी छह सरकारी मेडिकल कालेजों में जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार से फिर हड़ताल शुरू कर दी है. वह भारत सरकार से नीट-पीजी काउसंलिंग जल्द कराने और एमडी-एमएस प्रथम वर्ष की जगह जूनियर रेजीडेंट और मेडिकल आफिसर पदस्थ करने की मांग कर रहे हैं, जिससे द्वितीय और तृतीय वर्ष के जूनियर डॉक्टरों पर काम का दबाव कम हो सके. जीएमसी के जूडा ने आज से इमरजेंसी सेवाएं भी बंद करने की चेतावनी दी है. इससे मरीजों की परेशानी बढ़ जाएगी. इसकी वजह यह कि कॉलेज प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है. इसके पहले जूडा के आंदोलन में स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सक बुलाए जाते थे, लेकिन अभी यह व्यवस्था नहीं की गई है.