देश में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस का कहर जारी है. भारत ब्लैक फंगस का वैश्विक राजधानी बन गया है. सिर्फ पिछले दो महीने के अंदर भारत में 8000 से ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं. इससे अब तक कई लोगों की जानें गईं हैं. अब मेडिकल जगत के डॉक्टरों में इस बात को लेकर संवाद जारी है कि ब्लैक फंगस का एकमात्र कारण अनियंत्रित तरीके से स्टेरॉयड लेना है.


कुछ डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस की वजह अत्यधिक जिंक का सेवन भी हो सकता है. टीओआई में छपी खबर में कहा गया है कि भारत में mucormycosis यानी ब्लैक फंगस का संकट सिर्फ स्टेरॉयड के गलत इस्तेमाल से ही नहीं पनप रहा बल्कि कई दवाइयों के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल के कारण भी यह बीमारी भारत में तांडव मचा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एंटीबायोटिक, जिंक सप्लीमेंट और आइरन की गोली के अत्यधिक सेवन भी ब्लैक फंगस का कारण हो सकते हैं.    



जिंक सप्लीमेंट पर डॉक्टरों की चिंता  
टीओआई अखबार में छपी खबर के मुताबिक लीलावती अस्पताल के सीनियर एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ शशांक जोशी ने बताया कि पिछले दो दिनों में डॉक्टरों के समुदाय में ब्लैक फंगस होने के कारणों पर गहन मंथन जारी है। डॉक्टरों में इस बात को लेकर आमराय है कि इस बीमारी की प्रमुख वजह डायबिटीज और स्टेरॉयड है लेकिन इस बात को लेकर भी संवाद हो रहा है कि सिर्फ डायबिटीज ही इसकी वजह नहीं है.


उन्होंने बताया कि पिछले एक साल से भारत के करोड़ों लोगों द्वारा जिंक सप्लीमेंट ली जा रही है, वह भी ब्लैक फंगस की वजह हो सकती है। इसके अलावा आइरन की गोली भी इसका कारण हो सकता है. डॉ शशांक ने बताया कि ऑक्सीनज कंसेंट्रेटर में स्ट्राइल वाटर को यूज होता है, इसपर भी डॉक्टर आपत्ति जता रहे हैं। 


2020 में सबसे अधिक बिकी जिंक की गोली
कोरोना के बाद भारत ब्लैक फंगस का भी दुनिया में पहला हब बन गया है. कोविड से पहले के मुकाबले वर्तमान में भारत में ब्लैक फंगस इंफेक्शन के मामले में 70 फीसद की बढोतरी हो गई है. दो महीने से भी कम समय में भारत में इसके 8000 से ज्यादा केस आ गए है जिससे डॉक्टरों के समुदाय में चिंता है. डॉक्टरों ने अबिलंब आईसीएमआर Indian Council of Medical Research से इसपर ज्यादा रिसर्च की मांग की है ताकि जल्दी है इसकी वजहों का पता लगाया जा सके.  


इससे पहले की कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि मेटल जिंक फंगस को शरीर में बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है. रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि शरीर में जिंक को हटा देने से फंगस को शऱीर में रहना मुश्किल हो जाता है. भारत में कोविड महामारी के आने के बाद से जिंक सप्लीमेंट को immunity boosters के रूप में घोषित कर दिया गया था जिसके बाद 2020 में जिंक भारत में सबसे अधिक बिकने वाली दवा बन गई.


ऑक्सीजन थेरेपी से ब्लैक फंगस का संबंध नहीं
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि अब तक भारत में ब्लैक फंगस के जितने भी मामले आए हैं, उनमें से 90 प्रतिशत के साथ डायबिटीज या अत्यधिक स्टेरॉयड लेने की समस्या थी. लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज में ऑक्सीजन थेरेपी से ब्लैक फंगस होने का कोई संबंध नहीं है. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस संक्रामक बीमारी नहीं है. इससे दूसरे को डरने की जरूरत नहीं. 


 


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