डॉक्टर सच्चे हीरो, कॉरपोरेट की मुनाफाखोरी और सरकार की उपेक्षा के लिए उन पर हमला गलत: चीफ जस्टिस
डॉक्टर्स डे के मौके पर देश के चीफ जस्टिस एन वी रमना ने डॉक्टर्स के प्रति अपना आभार जताया. उन्होंने आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना से लोगों को बचाने में 798 डॉक्टरों ने अपनी जान गवाईं.
![डॉक्टर सच्चे हीरो, कॉरपोरेट की मुनाफाखोरी और सरकार की उपेक्षा के लिए उन पर हमला गलत: चीफ जस्टिस Doctor true hero attacking him for corporate profiteering and neglect of government is wrong Chief Justice ann डॉक्टर सच्चे हीरो, कॉरपोरेट की मुनाफाखोरी और सरकार की उपेक्षा के लिए उन पर हमला गलत: चीफ जस्टिस](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/01/8625444354358d635cf419bab1ecb696_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पिछले दिनों जब लोग शारीरिक और भावनात्मक रूप से टूटे हुए आइसोलेशन वार्ड में पड़े थे, तब वह डॉक्टर थे जिन्होंने उनकी उम्मीदें ज़िंदा रखीं. जब तक किसी ने उन्हें 24 घंटे पीपीई किट पहने लोगों की सेवा करते न देखा हो. बिना ठीक से आराम किए, बिना उचित भोजन किए कई दिनों तक काम करते न देखा हो तब तक वह उनके त्याग को नहीं समझ सकता. डॉक्टरों के कंधों पर सुपरहीरो वाला कपड़ा नहीं लटका, लेकिन आप सच्चे हीरो हैं.
डॉक्टर्स डे पर देश के चीफ जस्टिस एन वी रमना ने अपने भाषण में इन शब्दों के साथ अपना आभार जताया. उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना से लोगों को बचाने में 798 डॉक्टरों ने अपनी जान गवाईं. जस्टिस रमना ने कहा कि वह हृदय से उन डॉक्टरों और मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए प्रार्थना कर रहे हैं जिन्होंने लोगों की सेवा करते हुए अपनी जान दी. उनके परिवार के साथ उन्हें गहरी सहानुभूति है.
डॉक्टर बी सी रॉय को विनम्र श्रद्धांजलि देते हैं- चीफ जस्टिस
चीफ जस्टिस ने कहा कि वह डॉक्टर बी सी रॉय को विनम्र श्रद्धांजलि देते हैं, जिनकी याद में यह दिन मनाया जाता है. लेकिन 1 जुलाई को मनाए जाने वाले इस दिवस की डॉक्टरों को सच्ची बधाई तभी दी जा सकती है, जब कुछ बातों पर ध्यान देकर उनका हल निकालने की कोशिश की जाए. जस्टिस रमना ने मेडिकल संस्थाओं और सरकार के सामने यह विचारणीय प्रश्न रखे-
* ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों पर अक्सर हमले होते हैं. आखिर दूसरों की विफलता के लिए डॉक्टर को निशाना क्यों बनाया जाता है?
* देश का स्वास्थ्य क्षेत्र मेडिकल प्रोफेशनल, संसाधन, दवा और आधुनिक तकनीक की कमी से ग्रस्त है. सरकार इन्हें दूर करने को प्राथमिकता नहीं दे रही.
* फैमिली डॉक्टर की परंपरा खत्म होती जा रही है. कॉरपोरेट की मुनाफाखोरी की जवाबदेही डॉक्टरों पर क्यों डाल दी जाती है?
* यह दुखद है कि एक योग्य डॉक्टर खुद हॉस्पिटल शुरू कर पाने में खुद को सक्षम नहीं पाता. 8-9 साल तक मेहनत से पढ़ाई करने के बाद उसे एक अच्छा वेतन पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है.
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