दिल्ली में बाहर से आए लोगों का इलाज होगा या नहीं, बताएगी डॉक्टरों की कमेटी
कोरोना महामारी के बीच दिल्ली में डॉक्टर्स की कमेटी बनाई गई है. ये कमेटी बताएगी कि दिल्ली में बाहर से आने वाले लोगों का इलाज किया जाएगा या नहीं.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पांच डॉक्टरों की कमेटी बनाई है. आईपी यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. महेश वर्मा इस कमेटी के चेयरमैन होंगे. इस कमेटी को कोरोना से निपटने के लिए दिल्ली में अस्पतालों की समग्र तैयारी और क्या दिल्ली के अस्पताल दिल्ली और दिल्ली के बाहर का पेशंट लोड ले पाएंगे इस पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है.
इसके साथ ही कमेटी से कुछ और अहम सुझाव देने को कहा गया है. कमेटी को सरकार को बताना होगा कि, क्या दिल्ली में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ोतरी की जरूरत है, कोई अन्य क्षेत्र जहां दिल्ली में कोरोना वायरस के बेहतर प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है.
आपको याद दिला दें कि लॉकडाउन 4.0 के खत्म होते ही दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के लोगों से अन्लॉक 1.0 के लिए जरूरी सुझाव मांगे थे. उन्होंने कहा था, "जैसे ही हम बॉर्डर खोलेंगे, देश भर से लोग दिल्ली में इलाज कराने के लिए आएंगें. हमनें 9500 बेड का इंतजाम किया है और दिल्ली में आज की तारीख में केवल 2300 मरीज भर्ती हैं. ऐसे में अगर हमने बॉर्डर खोल दिए और देश भर से लोग इलाज कराने के लिए दिल्ली आ गए, तो पूरे बेड दो दिन के अंदर ही भर जाएंगे और दिल्लीवालों को इलाज नहीं मिल पाएगा."इसी दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से बॉर्डर खोलने पर उनकी राय मांगी थी? जनता से इस पर उनके सुझाव उस प्रेस कॉन्फ्रेंस होने के अगले शुक्रवार को शाम 5 बजे तक देने को कहा गया था और आगे के फैसले जनता से मिली राय के आधार पर लेने की बात कही गई थी.
ये भी पढ़ें
कोरोना: विदेशों से लौटने वाले नागरिकों की स्किल मैपिंग का संचालन करेगी भारत सरकार Indepth: देश में कोरोना के केस 2 लाख के पार, सिर्फ 4 राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, गुजरात से हैं 1.36 लाख मामले