तेलंगाना में डॉक्टरों ने 65 वर्षीय महिला के पेट से वॉलीबॉल आकार का ट्यूमर निकाल अद्भुत कारनामा अंजाम दिया है. पेचीदा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कर ट्यूमर हटने के बाद बुजुर्ग महिला पूरी तरह ठीक हो गई है. उसके आकार के अलावा, सर्जरी करनेवाले डॉक्टरों को हैरान करनेवाली बात ये लगी कि ट्यूमर जन्मजात और जन्म के समय से मौजूद था. इस दौरान हाल तक दो बच्चों की मां को किसी तरह का कोई संकेत दिखाई नहीं दिया.


डॉक्टरों ने मरीज के पेट से निकाला वॉलीबॉल के आकार का ट्यूमर


देहाती क्षेत्र की निवासी महिला को छाती और पेट में दर्द, उल्टी और बुखार की शिकायत हुई. उसे पिछले कई महीनों से दर्द का सामना करना पड़ रहा था और इलाज के लिए गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के संपर्क में थी. डॉक्टरों ने उसके मामले को दुर्लभ बताते हुए ट्यूमर के फूटने से जान जाने का अंदेशा जताया था. डॉक्टरों के मुताबिक, मरीज ने ट्यूमर के होने से कभी किसी तरह की पेचीदगी का अनुभव नहीं किया और सिर्फ एक साल पहले उसे पेट में दर्द की शिकायत हुई.


लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर वेंकट पवन कुमार ने एक अखबार को बताया कि ट्यूमर कैंसर वाला नहीं था लेकिन फेफड़ों के नीचे झिल्ली के आसपास था. उन्होंने कहा, "मैंने डायमीटर में 4 सेंटीमीटर से ज्यादा ट्यूमर नहीं देखा था और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से हटाना चुनौती थी. उसे एक साल से पेट के दाहिनी तरफ भयंकर दर्द उठता था. महिला गैस्ट्रिक लक्षणों का डॉक्टर से इलाज करा रही थी. उसका बायोप्सी करने से पता चला कि ट्यूमर जन्मजात था."


 पेचीदा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने में डॉक्टरों को लगे छह घंटे


डॉक्टर के मुताबिक, ट्यूमर शुरू में छोटा रहा होगा मगर धीरे-धीरे बढ़कर पिछले 20-30 वर्षों में वॉलीबॉल के आकार का हो गया. डॉक्टर कुमार ने बताया, "मेरी अगुवाई में डॉक्टरों की टीम ने महिला की छह घंटे सर्जरी कर ट्यूमर को टुकड़ों में तोड़ा और फिर एंडोबैग का इस्तेमाल करते हुए हटाने में सफलता मिली." उन्होंने आगे कहा कि ट्यूमर की स्थिति भी बहुत दुर्लभ थी. ये दिल के आसपास स्थित था. महिला करीब 10 दिनों तक अस्पताल में रही. पिछले सप्ताह सफल सर्जरी के बाद महिला पूरी तरह ठीक हो गई.


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