Doctors Strike In Delhi: राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल (Doctors Strike in Delhi) का आज यानी रविवार 10वां दिन है. इस दौरान डॉक्टर इमरजेंसी और ओपीडी सेवाओं (OPD Services) का बहिष्कार करने की घोषणा कर चुके हैं. नीट पीजी काउंसलिंग 2021 में हो रही देरी (Delay in NEET-PG counselling 2021) के कारण डॉक्टरों की हड़ताल (Doctors Strike) जारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ( Dr Mansukh Mandaviya) से डॉक्टरों की कई राउंड की बैठक हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान अब तक नहीं निकल पाया है.
डॉक्टरों का प्रदर्शन अब सिर्फ अस्पतालों के परिसर तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि निर्माण भवन और सेंट्रल दिल्ली के दूसरे इलाकों में भी डॉक्टर हाथों में पोस्टर लेकर जल्द से जल्द पीजी काउंसलिंग कराने की मांग कर रहे हैं. हाल ही में डॉक्टरों ने उन्हें कोरोना वायरस (Coronavirus) की पहली और दूसरी लहर के दौरान सम्मान के तौर पर दिए गए फूल, ताली, थाली को वापस सरकार को समर्पित करते हुए 'फूल वापसी', 'दिया वापसी' आंदोलन भी किया, लेकिन अब तक तमाम कोशिशें बेअसर साबित हुई हैं. ऐसे में जब कोरोना वायरस के आंकड़े छह महीने बाद रिकॉर्ड दर से बढ़ रहे हैं, ओमिक्रोन (Omicron) का संकट भी कायम है, डॉक्टरों की हड़ताल स्वास्थ्य व्यवस्था को चिंता में डाल सकती है.
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों (Delhi Government Hospitals) में सुबह से ही परेशान मरीज देखे जा सकते हैं, जो इलाज कराने के लिए आए हैं, लेकिन उन्हें अटेंड करने वाला कोई नहीं है. ऐसे ही एक परिवार से एबीपी न्यूज़ ने एक्सक्लूसिव बातचीत की.
अस्पताल में डॉक्टर्स नहीं
नरेला से आई गर्भवती महिला की आज डिलीवरी की डेट है, लेकिन उन्हें एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) से ये कहकर लौटा दिया गया कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं है. महिला अपनी बड़ी बहन और पति के साथ सुबह से दो अस्पतालों का चक्कर लगा रही है, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिल पाई है. गर्भवती महिला कहती हैं, "अस्पताल द्वारा देखने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि यहां नहीं होगा, डॉक्टर नहीं हैं."
अस्पतालों का लगा रहें चक्कर
महिला के पति बताते हैं, "इनकी डेट हो चुकी है, लेकिन अस्पताल वाले कह रहे हैं कि डॉक्टर नहीं हैं. तुम्हें जिम्मेदारी लेनी है, तो खुद लो. एक डॉक्टर हैं और दस लोगों का इलाज कर रहे हैं. लिखकर दे दिया कि दूसरे अस्पताल चले जाओ. जिस अस्पताल से सुबह वापस आए, वहीं का लिखकर दे दिया. हरिश्चंद्र अस्पताल से सुबह ही वापस आए थे. उन्होंने यहां का लिखकर दिया, अब ये वापस वहां का लिखकर दे रहे हैं. सुबह से अस्पताल ही घूम रहे हैं."
हेल्पलाइन नंबर पर किया फोन
गर्भवती महिला को जल्द से जल्द डॉक्टर की आवश्यकता है, जिसे लेकर बड़ी बहन भी सुबह से कोशिश कर रही है. अस्पतालों के चक्कर लगाने के साथ उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हेल्पलाइन नंबर पर भी फोन किया, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिल पाई है. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए वो बताती हैं, "मैने पूरा महीना बहन को यहीं दिखाया है. अब डिलीवरी का टाइम आ गया, तो कह रहे हैं कि किसी भी वक्त डिलीवरी हो सकती है, जल्दी लेकर जाओ. वो कह रहे हैं कि डॉक्टर नहीं हैं. वो कह रहे हैं कि डिलीवरी हो सकती है, जिसकी जिम्मेदारी हम नहीं ले सकते. कहीं से कोई मदद नहीं है."
बीते 10 दिनों से चल रही डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीज चक्की में घुन की तरह पिस रहे हैं, जो इलाज से महरूम हैं. डॉक्टर अब मास-रेजिग्नेशन की धमकी भी दे चुके हैं. ऐसे में सरकार और डॉक्टरों के बीच चल रही खींचतान में आम लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.