नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस के बड़े नेता और पार्टी के संकटमोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच एजेंसियों को मिले दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि डीके शिवकुमार ने कांग्रेस मुख्यालय में पैसे जमा कराए थे. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शक है कि ये पैसा अवैध धंधों के जरिए जुटाया गया था. इस खुलासे के बाद ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है.


कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों को नोटिस जारी करेगा ईडी


इस मामले में ईडी कांग्रेस नेता विजय मूलगुंद से भी पूछताछ करेगा. विजय मूलगुंद कांग्रेस में सचिव के पद पर हैं. ईडी इस बारे में एआईसीसी के लेखा विभाग के कुछ अधिकारियों समेत कांग्रेस के कई नेताओं से पूछताछ की तैयारी कर रहा है. इन नेताओं और अधिकारियों को ईडी जल्द पूछताछ का नोटिस जारी करेगा.


ईडी ने शिवकुमार से एआईसीसी को दिए गए करोड़ों रुपए को लेकर पूछे सवाल


ईडी ने हिरासत में चल रहे डीके शिवकुमार से एआईसीसी को दिए गए करोड़ों रुपए की बाबत कई सवाल किए हैं. ईडी को शक है कि डीके शिवकुमार ने एआईसीसी के अकबर रोड स्थित ऑफिस में साल 2017 में करोड़ों रुपए जमा कराए थे. आरोप है कि यह पैसा हवाला के जरिए आया था, जिसे डीके शिवकुमार के सहयोगियों ने कांग्रेस दफ्तर में जमा कराया  था.


इसके पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के यहां मारे गए छापे के मामले में भी कांग्रेस मुख्यालय में अवैध पैसा जमा कराने का मामला सामने आया था.


ED ने की शिवकुमार की बेटी से पूछताछ


वहीं, ईडी ने कल डी के शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या से मनी लॉन्ड्रिंग मामले की अपनी जांच के सिलसिले में सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. अधिकारियों ने बताया कि 22 साल की ऐश्वर्या से पूछताछ की गयी और उनका बयान धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया. ऐश्वर्या ने एजेंसी को कुछ व्यक्तिगत वित्तीय दस्तावेज भी सौंपे. वह एक एजुकेशनल ट्रस्ट में ट्रस्टी भी है, जो उनके पिता ने बनाया था. अधकारियों ने बताया कि ट्रस्ट कई इंजीनियरिंग और अन्य कॉलेजों का संचालन करता है और ऐश्वर्या उसके पीछे प्रमुख व्यक्ति हैं. उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के पास करोंड़ों की संपत्ति और बिजनेस है.


बता दें कि कर्नाटक के पूर्व मंत्री डी के शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं. केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार के अलावा नयी दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन के कर्मचारी हनुमंथैया और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. कथित कर चोरी और हवाला सौदों के लिए बेंगलुरू की एक कोर्ट के समक्ष शिवकुमार और अन्य के खिलाफ दायर इनकम टैक्स विभाग की चार्जशीट के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया था.


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