Doda Land Sinking: जम्मू कश्मीर के डोडा स्थित नई बस्ती गांव के कुछ घरों में कुछ दिन पहले दरारें आनी शुरू हो गई थीं, लेकिन अब भूस्खलन से स्थिति और खराब हो गई है. प्रभावित घरों की संख्या 21 तक पहुंच गई है. प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है. डोडा प्रशासन और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक टीम डोडा में उस स्थान पर मौजूद है जहां 21 इमारतों में दरारों की सूचना है.
एसडीएम अतहर अमीन जरगर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, '21 इमारतों से कल प्रभावित हुईं. प्रभाव क्षेत्र उसी तक सीमित है, जैसा कि आज सुबह देखा गया.' उन्होंने कहा कि उपायुक्त डोडा और उनके वरिष्ठ अधिकारियों नियमित रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.
'सर्वेक्षण की टीम सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट'
एसडीएम अमीन ने आगे कहा, 'सरकार ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक टीम भेजी है और वे अपना अध्ययन कर रहे हैं. अध्ययन के बाद वो अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे. लोगों ने इलाका खाली कर दिया है.' बता दें कि अधिकारियों ने किश्तवाड़-बटोटे राष्ट्रीय राजमार्ग के पास थाथरी के नई बस्ती गांव में एक मस्जिद और एक मदरसे को भी असुरक्षित घोषित कर दिया है.
'प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया'
इससे पहले, शुक्रवार को एसडीएम अतहर अमीन जरगर जानकारी दी थी कि 'घरों के असुरक्षित होने के बाद हमने 19 प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है. हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का दौरा किया और प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
जरगर ने कहा, 'नई बस्ती की स्थिति की भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ से तुलना करना अतिशयोक्ति होगी. हमें भूस्खलन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और चिनाब घाटी बिजली परियोजनाओं के भूवैज्ञानिकों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पहले ही साइट का निरीक्षण कर लिया है.' इस बीच, घटना से प्रभावित जाहिदा बेगम ने कहा कि वह 15 साल से गांव में रह रही हैं और घरों में दरारें देखकर हैरान हैं.
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