जयपुर: राजस्थान के विधानसभा चुनाव के बाद जब नतीजे आए तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कहना शुरू कर दिया था कि अशोक गहलोत ने बीजेपी को तो हराया ही साथ ही कांग्रेस को भी हरा दिया. इसकी बड़ी वजह थी विधायकों की संख्या सिर्फ 100 तक ही पहुंच पायी थी.


राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने को लेकर तीन दिन तक अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच फैसला नही हो पाया था. आखिर मे सचिन पायलट रेस से बाहर हो गए थे और अशोक गहलोत ने तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.


सूत्रों के मुताबिक, अब अशोक गहलोत एक बार फिर सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद में पटखनी देना चाहते हैं. ये सिलसिला तब शुरू हुआ जब सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं और 'एक व्यक्ति-एक पद' की बात होने लगी. महेश जोशी, लाल चंद कटारिया और हरिश चौधरी तीनों ही राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में आगे चल रहे हैं और ये तीनों अशोक गहलोत के करीबी हैं.


महेश जोशी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफी नज़दीकी माने जाते हैं, तो वहीं लाल चंद कटारिया पहले सीपी जोशी के ग्रुप में थे और हरिश चौधरी को राहुल गांधी के सिस्टम का माना जाता है ऐसे में महेश जोशी इस रेस में सबसे आगे दिख रहे हैं.


सचिन पायलट के नजदीकी सूत्र बताते हैं कि सचिन पायलट उप-मुख्यमंत्री पद से भले ही इस्तीफा दे सकते हैं लेकिन राजस्थान के अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देंगे. एक व्यक्ति एक पद के चलते अगर सचिन पायलट का इस्तीफा मांगा जाता है और वो उप-मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हैं जैसा की सूत्र बता रहे हैं तो ऐसी स्थति में अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.


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