क्या भारत से लिमिटेड वॉर चाहता है चीन? खुफिया एजेंसियां रख रही हैं ड्रैगन की हर चाल पर नज़र
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक चीन भारत के पूर्वोत्तर में अशांति फैला कर अरुणाचल प्रदेश के तवांग को अपना निशाना बनाना चाहता है.
नई दिल्ली: खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक चीन सेटेलाइट के जरिए भारत पर निगाह रखे हुए हैं. इसके साथ ही ड्रैगन भारत के पूर्वोत्तर में अशांति फैला कर अरुणाचल प्रदेश के तवांग को अपना निशाना बनाना चाहता है. हालांकि, चीन की एक-एक हरकत पर भारतीय खुफिया एजेंसियां भी अपनी निगाह गड़ाए हुए हैं और उसे हर क्षेत्र में माकूल जवाब देने की तैयारी की जा रही है. पिछले कुछ महीनों से चीन लगातार अपनी तैयारियां कर रहा है और वह समझता है कि उसकी किसी हरकत पर भारतीय एजेंसियों की निगाह नहीं है. भारतीय एजेंसियों ने हाल में ही उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के पास एक चमकता हुआ उड़ता बिंदु देखा था और जब उस उड़ते हुए चमकते बिंदु की जांच की गई तो चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है.
खुफिया विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया की जांच के दौरान यह चमकने वाली चीज एक उच्च स्तर की सैटेलाइट पाई गई, जो विभिन्न जगहों के तस्वीरें लेने का काम कर रही थी. संभव था जैसे ही इस सेटेलाइट भेजने वालों को पता चला कि उन्हें देख लिया गया है, यह सैटेलाइट कुछ ही मिनटों में गायब हो गई. सूत्रों का दावा है कि यह सेटेलाइट उत्तराखंड और उसके आसपास का जायजा ले रही थी.
सूत्रों के मुताबिक एक तरफ जहां चीन सेटेलाइट के जरिए तस्वीरें लेने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ उस सीमा पर तैयारियों के अलावा भारत के अंदर भी अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है. यही कारण है कि पूर्वोत्तर राज्यों में अचानक चीन की शह पर आतंकवादी संगठनों ने उलूल जुलुल बयान देने शुरू कर दिए हैं. मसलन उल्फा प्रमुख परेश बरुआ ने चीन के समर्थन में एक वीडियो जारी किया है. वहीं दूसरी तरफ एनएससीएन आईएम नागालैंड शांति वार्ता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए. तीसरी तरफ अरुणाचल प्रदेश के तवांग में तवांग को अरुणाचल प्रदेश से अलग किए जाने की मांग भी उठने लगी है. सूत्रों का दावा है कि चीन की निगाहें कहीं और है और निशाना कहीं और.
अभी तक खुफिया एजेंसियों को इस बारे में जो संकेत मिले हैं, उसके मुताबिक चीन की निगाहें तमांग पर लगी हुई है. यही कारण है कि उसने तमांग के ऊपर अपनी फोर्सेस की गतिविधियां बढ़ा दी हैं. वास्तव में चीन तमांग को तिब्बत का ही हिस्सा मानता है, क्योंकि अब तक हुए दलाई लामाओं में से एक दलाईलामा तमांग से ही बताए जाते हैं.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक अभी तक जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक चीन ने ढोकलाम में मिसाइल पैड बना दिए हैं. वहीं उसने उत्तरी सिक्किम में अपने टैंकों को तैनात किया है. इसके अलावा नेपाल से दोस्ती का नाटक कर वह काला पानी इलाके में अपनी फौजों का धीरे-धीरे जमावड़ा कर रहा है.
सूत्रों का कहना है की चीन इस साजिश के तहत सिलीगुड़ी कारीडोर को बंद करने की साजिश कर सकता है, जिसके जरिए बाकी भारतीय हिस्सों से तवांग का सीधा संपर्क कटने की पूरी संभावना है. साथ ही काला पानी इलाके से वह टिहरी को भी अपना निशाना बनाने की कोशिश कर सकता है. क्या चीन आगामी कुछ महीनों में भारत से एक लिमिटेड वार करना चाहता है और पूर्वोत्तर से लेकर नेपाल तक उसकी यही तैयारी है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि माना जा रहा है कि चीन एक समय का इंतजार कर रहा है. जब भारत अपने अंदर ही उलझा रहे और चीन अपनी चाल में कामयाब हो जाए. लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियों को चीन की तमाम चालों की जानकारी है. भारत उसका हर तरह से मुंह तोड़ जवाब देने की तैयारी कर रहा है.