क्या गौ हत्या का भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से कोई रिश्ता है?, जानें क्या है राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की राय
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की वेबसाइट पर डाली गई सामग्री में एमएम बजाज, इब्राहिम और विजय राज सिंह नाम के तीन भौतिक विज्ञानियों के शोध का हवाला दिया गया है. पाठ्य सामग्री के मुताबिक इन तीनों भौतिक विज्ञानियों ने यह सिद्धांत प्रस्तावित किया था कि पशु हत्या और भूकंप का आपस में रिश्ता है.
नई दिल्ली: क्या गौ हत्या का भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से कोई रिश्ता है? क्या गायों और अन्य पशुओं की सालों से हो रही हत्या एक दिन जाकर भूकंप के परिणाम के रूप में सामने आती हैं? आपको भले ही लगे कि इन दोनों घटनाओं का आपस में कोई रिश्ता नहीं है लेकिन राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ऐसा मानता है.
आयोग ने ऐलान किया है कि 25 फरवरी को गायों को लेकर एक परीक्षा आयोजित की जाएगी. इस परीक्षा के लिए आयोग ने अपनी वेबसाइट पर जो पाठ्य सामग्री अपलोड किया है उसमें कुछ बेहद रोचक लेकिन चौंकाने वाली बातें लिखी गई है. इनमें से एक है पशु हत्या और भूकंप का रिश्ता.
आयोग की वेबसाइट पर डाली गई सामग्री में एमएम बजाज, इब्राहिम और विजय राज सिंह नाम के तीन भौतिक विज्ञानियों के शोध का हवाला दिया गया है. पाठ्य सामग्री के मुताबिक इन तीनों भौतिक विज्ञानियों ने यह सिद्धांत प्रस्तावित किया था कि पशु हत्या और भूकंप का आपस में रिश्ता है. उनके रिसर्च पेपर को कई अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में प्रस्तुत भी किया गया है. सामग्री में आगे कहा गया है कि गायों और अन्य पशुओं को बूचड़खाने में नहीं मार कर पृथ्वी को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है.
भोपाल गैस कांड में नहीं हुआ था असर
एक बेहद रोचक तथ्य यह भी दिया गया है कि 1984 में भोपाल में हुए गैस लीक कांड में 20,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे. लेकिन जो लोग उन घरों में रह रहे थे जहां की दीवारें गोबर से पोती गई थी उन पर इस गैस लीक का असर नहीं हुआ था. पाठ्य सामग्री के मुताबिक आज भी भारत और रूस में परमाणु ऊर्जा केंद्रों में गोबर का इस्तेमाल विकिरण से बचने के लिए किया जाता है.
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