नई दिल्ली: गुरुवार को झारखंड की चुनावी रैली में राहुल गांधी ने महिला सुरक्षा पर 'रेप इन इंडिया' कहकर मोदी सरकार पर हमला किया. लोकसभा में आज शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन इसी मुद्दे पर सत्ताधारी दल की तरफ से महिला सांसदों ने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया. स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी से मांफी की मांग की. इतना ही नहीं बीजेपी की महिला महिला सांसद राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग भी पहुंच गईं.


राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बयान से छेड़छाड़ करके बीजेपी ने हंगामा इसलिए संसद में कराया ताकि असम में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर हो रहे उपद्रव समेत देश के दूसरे अहम मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके ? क्या सच यही है कि देश में महंगाई, आर्थिक सुस्ती से जुझती अर्थव्यवस्था के अहम मुद्दों पर समाधान देने की जगह जुमलों का मजाक हो रहा है ?


-चावल 3 महीने में 3 रुपए महंगा
-गेहूं जनवरी से दिसंबर में 4 रुपए महंगा
-अरहर दाल साल भर में 16 रुपए किलो महंगी
-उड़द दाल 12 महीने में 24 रुपए किलो महंगी
-मूंग दाल 12 महीने में 14 रुपए महंगी
-नमक तक 25 पैसे महंगा पड़ने लगा
-जनवरी में 18 वाला प्याज, दिसंबर में 81 का हुआ


उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में महंगा प्याज कहीं किसान ना चुरा ले जाएं, इसलिए दिन रात पहरा दे रहे हैं. चौकीदार बने हैं महंगे प्याज के. गुजरात के राजकोट में हाइवे पर प्याज गिर गया तो प्याज लूटने को मजबूर हो गई जनता. उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक शादी के दौरान महंगा प्याज ही कुछ लोगों को लगा गिफ्ट देना सबसे उचित रहेगा.


जब महंगे प्याज की समस्या से समाधान जनता को देने की जरूरत हुई तब संसद में मंत्री गण जुमलेवादी समाधान देते नजर आए थे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने कहा, ''मैं बहुत ज्यादा प्याज-लहसुन नहीं खाती...इसलिये चिंता न करें. मैं ऐसे परिवार से आती हूं, जिसे प्याज की कोई खास परवाह नहीं है.'' स्वास्थ्य राज्य मंत्री अस्वनी चौबे ने कहा, ''मैं शाकाहारी आदमी हूं और मैंने कभी प्याज चखा नहीं, तो मेरे जैसे आदमी को क्या मालूम कि प्याज की क्या स्थिति है?"


समस्या ये है कि महंगाई दर नवंबर में 3 साल में सबसे ज्यादा हो गई है. खाने-पीने की महंगाई दर नवंबर में 2013 के बाद सबसे ज्यादा है. महंगाई दर बढ़ी रही तो RBI आपकी EMI कम नहीं करने वाला. त्योहारी सीजन में भी इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन घटा है. नवंबर में ऑटो सेक्टर में बिक्री में 12% गिरावट दर्ज हुई है.


समस्या का जुमलावादी समाधान बीजेपी के सांसद बताते मिले. बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा, ''आर्थिक मंदी का माहौल खड़ा किया जा रहा है कि देश में आर्थिक मदी है. इस देश को बदनाम करने के लिए शासन को बदनाम करने के लिए लोग कहते हैं कि ये खरीद ऑटो मोबइल की कम हो गई है. ऑटो मोबाइल की खरीद कम हो गई तो सड़कों पर जाम गाड़ियों से क्यों लगते हैं ?''