क्या भारत बायोटेक के पास मौजूद है कोरोना वैक्सीन की 6 करोड़ डोज़? जानिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसको लेकर क्या जवाब दिया है
स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें दावा किया जा रहा है कि भारत बायोटेक के पास 6 करोड़ वैक्सीन की खुराक मौजूद है.
नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार इस साल 16 जनवरी से 'Whole of government' दृष्टिकोण के तहत प्रभावी टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सपोर्ट कर रही है. वैक्सीन की खुराक की उपलब्धता को कारगर बनाने के लिए, केंद्र सरकार लगातार वैक्सीन निर्माताओं के संपर्क में है और मई 2021 से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन मुहैया कराने के लिए अलग-अलग विकल्प भी तलाशे हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें दावा किया जा रहा है कि भारत बायोटेक के पास 6 करोड़ वैक्सीन की खुराक मौजूद है. मंत्रालय ने कहा है कि भारत बायोटेक के पास 6 करोड़ खुराक होने के दावे की रिपोर्ट को समझने में गलती हुई है.
स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सिन की वर्तमान उत्पादन क्षमता मई-जून 2021 तक दोगुनी हो जाएगी. फिर जुलाई-अगस्त 2021 तक लगभग 6-7 गुना बढ़ जाएगी यानी अप्रैल, 2021 में हर महीने 1 करोड़ वैक्सीन खुराक के उत्पादन से बढ़ाकर covaxin का उत्पादन 6-7 करोड़ प्रति माह कर दिया जाएगा. उम्मीद है कि सितम्बर 2021 covaxin का उत्पादन 10 करोड़ डोस प्रति माह हो जाएगा.
28 मई की सुबह के आंकड़ों के मुताबिक, भारत बायोटेक ने सरकार को 2,76,66,860 वैक्सीन डोज की आपूर्ति की है. इनमें से 2,20,89,880 सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा चल रहे कोरोना टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल की गई हैं जिसमें मेडिकल वेस्टेज शामिल है. इसके साथ ही राज्यों के पास वैक्सीन की 55,76,980 डोज उपलब्ध हैं. निजी अस्पतालों को भी उसी महीने में कोवैक्सिन की 13,65,760 खुराकें मिली हैं.
मई के महीने में कोवैक्सिन की अतिरिक्त 21,54,440 डोज की आपूर्ति की जानी है. ये अब तक आपूर्ति की गई और पाइपलाइन में कुल टीके को 3,11,87,060 डोज तक ले जाता है. वहीं भारत बायोटेक ने जून के महीने के लिए लगभग 90,00,000 डोज़ देने की बात कही है.
कोवैक्सिन की क्षमता में बढ़ोतरी आत्मानिर्भर भारत 3.0 मिशन कोविड सुरक्षा के तहत भारत सरकार कर रही है. भारत सरकार की डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी द्वारा स्वदेशी कोरोना टीकों के विकास और उत्पादन में तेजी लाने के लिए लागू की गई थी.
वैक्सीन को बनाने और गुणवत्ता परीक्षण में समय लगता है और सुरक्षित उत्पादन रातोंरात सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है. इसलिए उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी को भी एक निर्देशित प्रक्रिया की आवश्यकता है. वहीं, उत्पादन में बढ़ोतरी, तत्काल आपूर्ति में तब्दील नहीं होती है.
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