नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जारी है. कुछ राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया है. इस बीच, संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए क्या देश में एक बार फिर से लॉकडाउन लगाया जाए, ये सवाल चर्चा में हैं. एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने देशव्यापी लॉकडाउन लगाने के सवाल का जवाब दिया.
डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, “मेरा ये मानना है कि कुछ हद तक हमें इस बारे में सोचना होगा. कुछ यही करना पड़ेगा. अगर एक व्यक्ति एक शहर से दूसरे शहर, एक जिले से दूसरे जिले चला जाए तो वायरस भी उसके साथ जाएगा. जहां पर केस कम हैं वहां पर केस बढ़ेंगे. हम जानते हैं कि जो नया वेरिएंट है वो ज्यादा संक्रामक है. अगर हम संक्रमण को नहीं रोकेंगे तो चार लाख से ज्यादा केस रोज आएंगे.”
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने आगे कहा, “अगर हमें केस कम करनी है, हॉस्पिटल में एडमिशन को कम करना है, मौतों को रोकना है तो हमें एक अग्रेसिव लॉकडाउन करना पड़ेगा. उसके साथ ही जो मजदूर हैं उनके लिए प्लान बनाना पड़ेगा.”
रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगर हम अभी भी अग्रेसिव लॉकडाउन को लागू करते हैं तो इस पीक को कम किया जा सकता है. लगातार जितने केस आ रहे हैं उसे कोई भी हेल्थ सिस्टम संभाल नहीं पाएगा. उन्होंने कहा, “ये मैं मानता हूं कि हमें अपने हॉस्पिटल बढ़ाने हैं, ऑक्सीजन प्वाइंट्स बढ़ाने हैं और चीजें करने की जरूरत है लेकिन उसके साथ-साथ हमें केस कम करने के लिए भी पूरा एक्शन करना चाहिए. उन्होंने दो हफ्ते के देशव्यापी लॉकडाउन की बात कही.
हम कहां चूक गए?
इस सवाल के जवाब में रणदीप गुलेरिया ने कहा, “दो चीजें हुई हैं. पहला तो ये कि लोगों को लगने लगा कि अब कोविड खत्म हो गया है. इसलिए बहुत ज्यादा ढील हो गई. दूसरा ये कि लोगों को लगने लगा कि सब लोगों को वैक्सीन लग जाएगी तो हम प्रोटेक्ट हो जाएंगे. पहले वेव में केस आहिस्ता-आहिस्ता बढ़े थे लेकिन दूसरे वेव में ये बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं.”
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