नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर आतंकवादी खतरे की आशंका हो गई है. यूपी विधानसभा में विस्फोटक पेंटेरीथ्रिटोल टेट्रानेरेट्रेट (पीईटीएन) मिलने के बाद साफ है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के जरिए यूपी सीएम आदित्यनाथ को दी गई धमकी कोरी चेतावनी नहीं थी बल्कि इसको लेकर बेहद सतर्क होने की जरूरत है.


जैश के लेटेस्ट संदेश में भारत का मोस्ट वांटेड आंतकी और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की हालिया इजरायल यात्रा पर गुस्सा जताया है और यहूदियों और हिंदुओं (जिन्हें वो अपना पहला दुशमन मानता है) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के लिए आतंकियों को ललकारा है. उसी संदेश में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का भी जिक्र किया था. जैश-ए-मोहम्मद सरगना आतंकवादी मसूद अजहर ने कुछ समय पहले खुद एक धमकी भरा खत लिखा था और एक ऑडियो संदेश रिकॉर्ड जिसे उसके एक एसोसिएट ने रिकॉर्ड किया था जारी किया था. 'सादी' नाम जो मसूद अजहर अपने लिए इस्तेमाल करता है उसके जरिए ऑडियो संदेश जारी किया गया था. लिहाजा पहले धमकी संदेश भेजना और इसके 36 घंटे के अंदर यूपी एसेंबली में विस्फोटक मिलने से इस बात की आशंका गहरा जाती है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जैश के निशाने पर हैं.


पिछले 2 हफ्तों में पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी को दी गई ये दूसरी धमकी है. 2001 में भारत की संसद पर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर अपने धमकी संदेश में साफ कह रहा है कि अब हमले के लिए पारंपरिक तरीकों जैसे बंदूक, ग्रेनेड और गोलियों को छोड़कर नए और घरेलू तरीकों को अपनाना चाहिए. मसूद अजहर ने हमले के नए तरीकों के लिए खासतौर पर नए उपकरणों जैसे व्हीकल, बिजली, पेट्रोल, फर्टिलाइजर और खासतौर पर 'दवाइयों' को इस्तेमाल करने की सलाह दी थी. तो यहां पर आपको विशेष तौर पर जानना जरूरी है कि यूपी एसेंबली में मिला विस्फोटक पीईटीएन का दवाइयों के प्रोडक्शन में इस्तेमाल होता है और ये हृदय संबंधी बीमारियों जैसे सीने में दर्द के लिए इस्तेमाल किया जाता है.


बता दें कि 12 जुलाई को यूपी विधानसभा के अंदर विस्फोटक मिला है जो फौरेंसिक जांच में पेंटेरीथ्रिटोल टेट्रानेरेट्रेट (पीईटीएन) विस्फोटक साबित हुआ है. ये विस्फोटक 150 ग्राम की मात्रा में मिला है हालांकि इसका डेटोनेटर नहीं मिला है. आम लोगों को इस बात का कतई इल्म तक नहीं है कि पीईटीएन का दवाई के अलावा विस्फोटक के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. लिहाजा ये पदार्थ बाजार में दवाई के तौर पर उपलब्ध है जो मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन के बाद मिल सकती है. हालांकि ये पूरी संभावना है कि इतनी मात्रा (यूपी एसेंबली में 150 ग्राम पीईटीएन) में इसे हासिल करने के लिए झूठे तरीके अपनाए गए होंगे.


पिछले हफ्ते पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी को जैश से मिली धमकी का खुलासा सबसे पहले एबीपी न्यूज ने ही किया था. लिहाजा उसी आतंकी संगठन जिसने 2001 में भारत की संसद पर आतंकवादी हमला किया था से पहले धमकी मिलना और उसके तुरंत बाद यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने की घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. आपको बता दें कि देश में 2007 में हुए धमाकों से पहले उत्तर प्रदेश में आत्मघाती हमलों में भी जैश का हाथ रहा है.


अब जब यूपी सरकार ने यूपी एसेंबली में विस्फोटक मिलने के मामले की जांच एनआईए (नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी) को सौंपी है, ये याद रखना जरूरी हो जाता है कि पंजाब के पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले के पीछे भी जैश का हाथ था और इसकी जांच भी एनआईए ही कर रही है. ऐसे में सबसे ज्यादा खतरनाक बात ये हो सकती है कि देश में घरेलू जैश मॉड्यूल मौजूद हो जिसका आकार अनुमान से कहीं ज्यादा हो. तो इस घटना का बहावलपुर (पाकिस्तान में मसूद अजहर का जन्म स्थान) लिंक हो ये काफी हद तक संभव है और जांच एजेंसियों को इसका खुलासा करने के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.


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